


उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से आज से पूरे प्रदेश में ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ नामक विशेष अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत अब दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट के बिना पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। इस मुहिम का मुख्य मकसद लोगों में हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा देना और सड़क हादसों में कमी लाना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
सीएम योगी ने कहा कि - इसका मकसद किसी को दंडित करना नहीं है, बल्कि हर नागरिक को कानून के अनुसार सुरक्षित व्यवहार के लिए प्रेरित करना है। ईंधन तभी मिलेगा जब हेलमेट सिर पर हो। उन्होंने प्रदेशवासियों से इस अभियान को सफल बनाने की अपील की।
मोटर वाहन अधिनियम के नियम
धारा 129: दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाले के लिए हेलमेट अनिवार्य।
धारा 194D: उल्लंघन पर आर्थिक जुर्माना और कानूनी कार्रवाई।
सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ने भी हेलमेट नियमों के पालन को जरूरी बताया है।
पेट्रोल पंपों पर सख्ती
इस नियम के तहत, कोई भी दोपहिया चालक हेलमेट के बिना पेट्रोल नहीं भरवा पाएगा। पेट्रोल पंप संचालकों और तेल कंपनियों को इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
निगरानी और प्रवर्तन
इस अभियान की निगरानी और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी परिवहन, पुलिस, राजस्व और जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपी गई है। परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह के अनुसार, यह अभियान DRSC (District Road Safety Committee) के समन्वय में संचालित होगा।
प्रशासन की अपील
राज्य सरकार ने नागरिकों, पेट्रोल पंप संचालकों और तेल कंपनियों से इस अभियान में सहयोग करने की अपील की है। "हेलमेट पहले, ईंधन बाद में" को नियम के रूप में अपनाने की सिफारिश की गई है।
यदि आप हेलमेट नहीं पहनते हैं, तो:
पेट्रोल नहीं मिलेगा
जुर्माना और चालान लग सकता है
दुर्घटना में जान का खतरा भी हो सकता है