30 अक्टूबर की तारीख विमानन इतिहास में एक भयावह दिन के रूप में दर्ज है। अलग-अलग वर्षों में इसी तारीख को दुनिया ने छह दर्दनाक विमान दुर्घटनाएं देखीं जिनमें सैकड़ों यात्रियों और क्रू सदस्यों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इन हादसों की वजहें तकनीकी खराबी, पायलट की भूल या खराब मौसम थीं।
अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट वन: अमेरिकी इतिहास का रहस्य
30 अक्टूबर 1941 की रात अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट वन बफेलो से डेट्रॉइट जा रही थी। अचानक विमान तेज़ी से अपनी ऊंचाई खोने लगा चार बार गोल घूमकर नीचे आया और कनाडा के ओंटारियो प्रांत में एक गेहूं के खेत में गिरकर धमाके के साथ जल उठा विमान में सवार 17 यात्री और 3 क्रू मेंबर में से कोई जीवित नहीं बचा। जांच में पाया गया कि इंजन ने अपनी शक्ति (थ्रस्ट) खो दी थी। आज भी अमेरिकी विमानन में इस हादसे को सबसे रहस्यमय दुर्घटनाओं में से एक माना जाता है।
नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस फ्लाइट 5: बर्फ बनी जानलेवा
30 अक्टूबर 1941 को ही सुबह नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस की फ्लाइट 5 शिकागो से सिएटल जा रही थी। फार्गो एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर पहले विमान एक खुले मैदान में क्रैशहो गया। 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई। केवल कैप्टन क्लेरेंस बेट्स ही बचे लेकिन दुर्भाग्य से एक साल बाद एक टेस्ट फ्लाइट में उनकी भी मौत हो गई। जांच में सामने आया कि विमान के पंखों पर बर्फ जम गई थी। उस समय विमानों में बर्फ हटाने की तकनीक (डी-आइसिंग सिस्टम) नहीं होती थी जिससे लगातार बढ़ती बर्फ के कारण विमान की उठान (लिफ्ट) कम हो गई और वह नीचे गिर गया।
1959 से 1975: पायलट की चूक और तकनीकी खराबी
1959: पाइडमॉन्ट एयरलाइंस फ्लाइट 349 (वर्जीनिया, अमेरिका)
वॉशिंगटन से चार्लोट्सविल जा रहा विमान लैंडिंग के समय रास्ता भटक गया और वर्जीनिया के बक्स एल्बो माउंटेन से टकरा गया। 27 में से 26 लोग मारे गए। केवल एक यात्री बुरी तरह घायल हालत में जिंदा बचा। जांच में पाया गया कि या तो पायलट ने नेविगेशन में गलती की थी या रेडियो सिग्नल में गड़बड़ी थी। पायलट तनाव में था जिसके कारण ध्यान भटकने की आशंका भी जताई गई।
1972: एटीआई फ्लाइट 327 (इटली)
इटली की एरो ट्रांसपोर्टी इटालियानी (ATI) की फ्लाइट 327 बारी से ब्रिंडिसी जा रही थी। ब्रिंडिसी से 50 किलोमीटर दूर लैंडिंग से ठीक पहले यह विमान एक पहाड़ी से टकरा कर आग की चपेट में आ गया। विमान में सवार सभी 27 लोगों की जान चली गई। जांच में सामने आया कि विमान बहुत नीचे उड़ रहा था और पायलट ने समय पर ऊंचाई नहीं बढ़ाई। उस समय एयरपोर्ट पर रडार या ऑटो लैंडिंग सिस्टम नहीं था यानी पायलट को सिर्फ अनुभव और नज़र के भरोसे उतरना था जो गलत साबित हुआ।