सागर, काले हिरण के शिकार मामले में बीते हफ्ते भोपाल का रहने वाला डॉ. वसीम खान और दो आदिवासियों का मामला अब सिर्फ शौकिया शिकार से आगे पहुंच गया है। वन विभाग मामल को अंतरराज्यीय वन्य प्राणियों के अंगों की सप्लाई करने वाले गिरोह से जोड़कर देख रही है। वसीम ने अपनी राइफल को मोडिफाई कर रात में शिकार करने के लिए तैयार किया था। वह सागर जिले के राहतगढ़ में दो वाहनों से काले हिरण को मारकर लाते समय पकड़ा गया था।
सागर जिले के राहतगढ़ के जंगल में काले हिरण के शिकार के आरोप में रात 3 बजे पकड़े गए भोपाल के डॉक्टर वसीम खान के तार मुंबई तक जुड़े हो सकते हैं। वन अधिकारियों को आशंका है कि ये लोग वन्य प्राणियों के अवशेषों की तस्करी एमपी से बाहर भी करने वाले गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। डॉ. वसीम सहित 3 अन्य आरोपियों से इसी एंगल से पूछताछ चल रही है। मामले में वन विभाग के साथएसटीएफ की टीम की एंट्री हो गई है। टीम जल्द ही इनसे पूछताछ करेगी। अधिकरियों का स्पष्ट मानना है कि यह सिर्फ शिकार तक सीमित मामला नहीं है, वन्यजीव गिरोह से इनके तार जुड़े हो सकते हैं।