


डॉग बाइट की घटनाओं को नियंत्रित करने में भोपाल नगर निगम ने प्रदेश में सबसे बेहतर काम किया है। नेशनल हेल्थ मिशन की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में भोपाल में डॉग बाइट के 19285 मामले दर्ज किए गएहै। इसका औसत सिर्फ 0.8 प्रतिशत रहा। 30 जून 2025 तक डॉग बाइट का औसत 0.7 प्रतिशत दर्ज किया गया है, यह देशभर में सबसे कम है। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय रैबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जारी की गई है।
स्टरलाइजेशन करने वाली संस्थाओं पर निगरानी
दिल्ली नगर निगम की तर्ज पर भोपाल में भी नसबंदी किए डॉग्स की गर्दन में माइक्रोचिप्स लगाने की योजना है। इससे स्ट्रे डॉग के स्टरलाइजेशन में लापरवाही बरतने वाली संस्थाओं पर नकेल कसी जा सकेगी। चावल के दाने जितनी बड़ी इस चिप में डॉग की यूनिक आइडी सहित उसका पूरा बायोडेटा होता है। एक क्लिक से यह पता चलता है कि डॉग का स्टरलाइजेशन किस संस्था ने कब किया गया। डॉग की यूनिक आईडी वाली माइक्रोचिप डॉग के गर्दन में पीछे लगती है।