उत्तर प्रदेश में अब कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। बढ़ती हुई सर्दी को देखते हुए अयोध्या और मथुरा में भगवान को ठंड से बचाने के लिए इंतजाम किए गए है। कान्हा जी और रामलला को ठंड न लगे, इसलिए भोग, पहनावे और दर्शन व्यवस्था में बदलाव किए गए है। रामलला को रेशमी रजाई ओढ़ाई गई है और कान्हा को बुखार और जुमान न हो जाए। इसलिए वह अंगीठी सेंक रहे है।
बच्चों की तरह रखा जाता है रामलला का ध्यान
राम मंदिर में रामलला की सेवा करने वाले पुजारी का कहना है कि रामलला सिर्फ 5 साल के हैं। बाल स्वरूप का सर्दियों में खास ख्याल रखना होता है। उन्हें सर्दी-जुकाम न हो, ठंड न लग जाए, इन सब बातों का ध्यान रखा जाता है। वो बालक हैं, उन्हें गुनगुने पानी से नहलाते हैं। मखमल पहनाकर उन्हें सर्दी से राहत देते हैं। गुड़, तिल के साथ देसी घी के हलवे का भोग लगता है। एक बच्चे की तरह ही उनका ध्यान रखा जाता है। उन्हें रेशमी रजाई ओढ़ाई जाती है।
कान्हा जी को सर्दी से बचाने के लिए की गई व्यवस्था
मथुरा में भगवान कृष्ण के बंशी अवतार राधा बल्लभ लाल को सर्दी से राहत देने के लिए इंतजाम किए गए है। उन्हें ऊनी कपड़े से बनी गर्म पोशाक पहनाई जा रही है। हाथों में ऊनी ग्लब्स और पैरों में गर्म मोजे धारण कराए जा रहे हैं। भगवान को सर्दी न लग जाए और बुखार-जुकाम न हो जाए। इसलिए अंगीठी रखी जा रही है। उनके भोग में भी बदलाव किया गया है। भगवान को मेवा और केशर से बने भोग अर्पित किए जा रहे हैं। उन्हें कपड़े से बनी माला धारण कराई जा रही है ताकि फूलों की माला से उन्हें ठंड न लगे।