


सूर्य के मेष राशि में गोचर करते ही खरमास का अंत भी हो गया। फिर से विवाह की शहनाई गूंजने लगेंगी और शुभ व मांगलिक कार्यक्रम प्रारंभ हो जाएंगे। सोमवार से शुरू होने वाला विवाह का शुभ समय 8 जून तक रहेगा, इसके बाद 6 जुलाई से शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी।
खरमास के प्रारंभ होते ही एक माह पर्यंत इस कालखंड में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते, क्योंकि मीन राशि के अधिपति बृहस्पति हैं और बृहस्पति की राशि में जब सूर्य का गोचर होता है तब मांगलिक कार्य निषिद्ध माने जाते हैं। इसलिए 13 अप्रेल मध्य रात्रि और 14 अप्रेल की अलसुबह सूर्य का मीन राशि को छोड़कर के मेष राशि में प्रवेश किया, जिसके बाद से पुन: मांगलिक कार्य शुरु हो गए हैं।
अप्रेल और मई में सबसे ज्यादा मुहूर्त
सूर्य के मेष राशि में आने से शादी विवाह के साथ नामकरण, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत, मुंडन आदि शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। इस बार 14 अप्रेल से 8 जून तक विवाह के 30 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। शादी विवाह के शुभ मुहूर्त पर 6 जुलाई को विराम लग जाएगा, जो 2 नवंबर तक जारी रहेगा इसके बाद फिर से शादी की शहनाई गूंजने लगेंगी।