


मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर में इस बार दीवाली कुछ खास रहेगी। दरअसल इस बार महाकाल को रोजाना लगने वाले लड्डुओं से इतर रागी के लड्डुओं का भी महाभोग लगाया जाएगा, स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक श्रीअन्नम कही जाने वाली रागी की ये महाप्रसादी, मंदिर में आने वाले श्रद्धालु खरीद भी सकेंगे।
इस बार महाकाल में दीवाली होगी खास
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस बार दीवाली खास बनने जा रही है। क्योंकि इस बार दीवाली पर यहां लगेगा रागी और मेवे से बने सेहत से भरपूर लड्डुओं का भोग। महाकाल को भोग लगने के बाद मंदिर परिसर में रागी के लड्डुओं का ये प्रसाद भी मिलेगा। इसके बाद मध्य प्रदेश का महाकाल मंदिर देशभर में अकेला ऐसा मंदिर होगा जहां अन्नश्री रागी का प्रसाद मिलेगा। महाकाल मंदिर समिति की ये पहल न केवल धार्मिक बल्कि सेहत की दृष्टि से भी अनोखी है। समिति इसे सात्विक और सेहतमंद प्रसाद परंपरा की नई शुरुआत मान रही है।
जानें क्या है रागी और समिति ने क्यों चुना यह अनाज
रागी को मध्य भारत में मंडुआ कहा जाता है। भारतीय पारंपरिक अनाजों में सबसे पौष्टिक माने जाने वाले इस अनाज में कैल्शियम, फाइबर आयरन की मात्रा गेहूं से कहीं ज्यादा होती है। रागी से बने लड्डू को आयुर्वेद में शक्ति और शुद्धता का प्रतीक कहा गया है। मंदिर समिति के मुताबिक महाकाल का प्रसाद केवल आस्था नहीं बल्कि, जीवनशक्ति देने वाला भी होना चाहिए। रागी लड्डू इसी से प्रेरित है। आने वाले समय में ऐसे ही पारंपरिक प्रसाद भी महाकाल के भोग में शामिल हो सकते हैं।