


मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया को सरल और कारगर बनाने के लिए नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। शासन स्तर पर इस बदलाव का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है और दिवाली के बाद इसे मुख्य सचिव स्तर की वरिष्ठ सचिव समिति के सामने प्रस्तुत किया जा सकता है। प्रस्तावित नए नियमों के तहत परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं के कार्यक्षेत्र में बड़ा परिवर्तन किया जाएगा। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) अब एक साल में पाँच परीक्षाओं का आयोजन करेगा, जबकि कर्मचारी चयन मंडल (ESB) सिर्फ एक ही पात्रता परीक्षा आयोजित करेगा।
सरकारी नौकरी में भर्ती के नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी
दरअसल, मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती सिस्टम में बड़े बदलाव हो रहे हैं। नए प्रस्ताव के मुताबिक, MPPSC (मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन) हर साल पांच बड़े एग्जाम कराएगा, जबकि स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड (ESB) सिर्फ एक एलिजिबिलिटी टेस्ट कराएगा। यह एलिजिबिलिटी टेस्ट GATE (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) की तरह होगा, और सफल कैंडिडेट्स की एक मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी।
GATE की तरह एलिजिबिलिटी टेस्ट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सभी डिपार्टमेंट्स को हर साल 30 सितंबर तक ESB को अपनी ज़रूरतों और खाली जगहों की जानकारी देनी होगी। तब ESB परीक्षा कराएगा. GATE मॉडल को फॉलो करते हुए, ESB एक एलिजिबिलिटी टेस्ट कराएगा, जिसके बाद एक मेरिट लिस्ट बनेगी। सरकारी लेवल पर ड्राफ्ट लगभग तैयार है और उम्मीद है कि दिवाली के बाद इसे चीफ सेक्रेटरी लेवल पर सीनियर सेक्रेटरी की एक कमिटी के सामने पेश किया जाएगा।