रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। यह खबर हिटमैन के प्रशंसकों के लिए किसी झटके से कम नहीं, लेकिन जैसे हर कहानी का अंत होता है, वैसे ही रोहित की टेस्ट यात्रा भी अपने मुकाम पर पहुंची। आपको बता दें कि, इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए रोहित शर्मा ने अपने संन्यास की घोषणा की। वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन के शब्दों में अगर इसे व्यक्त करें तो उन्होंने कहा कि- यह आश्चर्यजनक नहीं था, लेकिन दुखद जरूर है।
रोहित पर समय का दबाव भी बढ़ रहा था
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन ने कहा - जब आप रन नहीं बना रहे और टीम हार रही हो, तो यह किसी भी कप्तान के लिए खतरनाक संयोजन है। 38 साल की उम्र में रोहित पर समय का दबाव भी बढ़ रहा था। भारतीय क्रिकेट में प्रतिभाओं की गहरी खान है और युवा खिलाड़ी मौके की तलाश में हैं। ऐसे में खराब फॉर्म और लगातार हार ने रोहित के लिए राह मुश्किल कर दी।
रोहित शर्मा का अनोखा टेस्ट करियर
माइकल एथरटन ने रोहित शर्मा के टेस्ट करियर को “अनोखा” करार दिया है। रोहित शर्मा ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत मध्यक्रम बल्लेबाज के तौर पर की थी। बाद में जब उन्हें ओपनिंग का मौका मिला, तो उन्होंने इस भूमिका को बखूबी निभाया। एक ओपनर के तौर पर रोहित ने 38 टेस्ट में 42.80 की औसत से 2,697 रन बनाए, जिसमें 9 शतक और कई अर्धशतक शामिल हैं। कुल मिलाकर, रोहित शर्मा के टेस्ट करियर में 12 शतकों के साथ 40 से थोड़ा ऊपर की औसत रही। यह आंकड़े भले ही उन्हें टेस्ट क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों की श्रेणी में न रखें, लेकिन उनकी प्रतिभा और योगदान को कम नहीं आंक सकते।
रोहित शर्मा का टेस्ट करियर दो हिस्सों में बंटा हुआ है
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने अपने बयान में आगे कहा - रोहित शर्मा का टेस्ट करियर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। लोग उन्हें वनडे क्रिकेट के महान ओपनर के तौर पर ज्यादा याद करेंगे, लेकिन टेस्ट में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। माइकल एथरटन ने कहा - रोहित शर्मा की बल्लेबाजी में जो सहजता और आक्रामकता थी, उसने टेस्ट क्रिकेट में भी कई यादगार पल दिए। चाहे वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी धैर्यपूर्ण पारियां हों या इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदानों पर विस्फोटक शतक, रोहित ने हमेशा अपने अंदाज में क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता।