पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने NPS से बाहर निकलने यानी ‘एग्जिट’ के नियमों में बड़े बदलाव कर दिए हैं. सरकार ने अब आपको अपने ही पैसे के इस्तेमाल की ज्यादा आजादी दे दी है, जिससे रिटायरमेंट के बाद आपकी जेब ज्यादा भरी रहेगी.
20% रकम से खरीदनी होगी पेंशन
पुराने नियमों के मुताबिक, जब कोई सब्सक्राइबर रिटायर होता था या स्कीम से बाहर निकलता था, तो उसे अपनी कुल जमा पूंजी का कम से कम 40 फीसदी हिस्सा एन्युटी खरीदने में लगाना पड़ता था. यानी उस पैसे से एक नियमित पेंशन प्लान लेना जरूरी था. हाथ में सिर्फ 60 फीसदी रकम ही आती थी. लेकिन नए नियमों ने यह गणित बदल दिया है. अब गैर-सरकारी क्षेत्र के निवेशकों को कुल जमा राशि का केवल 20 फीसदी हिस्सा ही एन्युटी में डालना होगा. इसका सीधा मतलब यह है कि अब आप अपनी मेहनत की कमाई का 80 फीसदी हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं.
8 लाख तक की जमा पूंजी पर पूरी निकासी की छूट
छोटे निवेशकों या कम पेंशन फंड वालों के लिए भी PFRDA ने दिल खोलकर फैसला लिया है. अगर किसी निवेशक का कुल पेंशन फंड 8 लाख रुपये या उससे कम है, तो उसे एन्युटी खरीदने की कोई बाध्यता नहीं होगी. ऐसे निवेशक अपना पूरा पैसा एक साथ या किश्तों में निकाल सकते हैं.
जल्दी पैसा निकालने वालों के लिए नियम सख्त
जहा एक तरफ वफादार निवेशकों को इनाम मिला है, वहीं दूसरी तरफ स्कीम को बीच में छोड़ने वालों के लिए नियम थोड़े कड़े रखे गए हैं. सरकार चाहती है कि यह पैसा आपके बुढ़ापे में ही काम आए. इसलिए, अगर आप 15 साल पूरे होने से पहले या 60 साल की उम्र से पहले NPS से बाहर निकलते हैं, तो आपको अपनी जमा राशि का 80 फीसदी हिस्सा एन्युटी में लगाना होगा. आपको नकद सिर्फ 20 फीसदी रकम मिलेगी. हालांकि, अगर कुल जमा रकम 5 लाख रुपये से कम है, तो आप पूरा पैसा निकाल सकते हैं.