चुनाव आयोग ने गोवा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, लक्ष्यद्वीप में मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के गणना चरण की शुरुआत की है। इस अभियान में घर-घर जाकर व्यापक सत्यापन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य मतदाताओं के विवरण को अपडेट करना, योग्य नए मतदाताओं की पहचान करना और अपात्र प्रविष्टियों को सूची से हटाना है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि आगामी चुनावों से पहले सटीकता, समावेशिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। जनगणना के दौरान बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) घरों का दौरा कर मौजूदा मतदाताओं के विवरण की पुष्टि कर रहे हैं और उन नागरिकों से जानकारी एकत्र कर रहे हैं, जो पात्र हैं लेकिन अभी तक पंजीकृत नहीं हैं।
पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और प्रवासी आबादी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पात्र मतदाता लोकतांत्रिक प्रक्रिया से वंचित न रह जाए।
अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया से नाम, पते, आयु और तस्वीरों से संबंधित त्रुटियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी, साथ ही डुप्लिकेट या स्थानांतरित प्रविष्टियों को हटाने में भी सुविधा होगी। मतदाताओं से आग्रह किया गया है कि वे मतदान अधिकारियों (बीएलओ) के साथ सहयोग करें और जहां आवश्यक हो, सहायक दस्तावेजों के साथ सटीक जानकारी प्रदान करें। नागरिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ऑनलाइन या निर्दिष्ट सुविधा केंद्रों के माध्यम से भी फॉर्म जमा कर सकते हैं।
गोवा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने बताया कि एसआईआर का संचालन भारतीय निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, समय-सीमा और प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करते हुए किया जा रहा है। प्रगति की निगरानी और शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए जिला और निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर पर्यवेक्षी तंत्र स्थापित किए गए हैं। राजनीतिक दलों को मतदाताओं की सहायता करने और मतगणना के दौरान किसी भी प्रकार की विसंगति को उजागर करने के लिए बूथ स्तर पर एजेंट नियुक्त करने की सलाह दी गई है।