


भारतीय रुपये में कमजोरी का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 88.77 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और 5 पैसे की गिरावट के साथ 88.77 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा विशेषज्ञों का कहना है कि रुपया अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर के करीब बना हुआ है।
विशेषज्ञों की राय
Head of Finrex Treasury Advisors LLP अनिल कुमार भंसाली के अनुसार, रुपया-डॉलर जोड़ी पर अमेरिकी डॉलर की मजबूती का प्रभाव स्पष्ट है। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर हल्का रिस्क-ऑफ माहौल और घरेलू कारक जैसे कि RBI की स्थिर नीतिगत स्थिति और नियंत्रित मुद्रास्फीति रुपये की दिशा तय करने में योगदान दे रहे हैं। भंसाली ने बताया कि डॉलर इंडेक्स में हल्की गिरावट आई है, जो अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव में नरमी के कारण है।
रुपया क्यों टूट रहा है?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 88.75 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और थोड़ी देर में 88.77 रुपये तक गिर गया।यह पिछले सत्र के बंद भाव 88.72 रुपये से 5 पैसे की गिरावट दर्शाता है। डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति बताता है, 0.04% घटकर 98.93 पर आ गया।