उज्जैन में साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ में लगभग 15 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। तैयारियों के संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज और हरिद्वार में कुंभ की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर सिंहस्थ आयोजन में भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए ड्रोन सर्वेक्षण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जायेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं में संलग्न कंपनियों और स्टार्टअप्स को बुलाकर उज्जैन में एक सम्मेलन कराया जाएगा।
आवश्यक सुविधाओं पर ध्यान केन्द्रित
सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की संभावित भारी संख्या में आमद को ध्यान में रखते हुए संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। डॉ. मोहन यादव की योजना है कि उज़्जैन और इंदौर को सिंहस्थ-2028 के मुख्य केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां परिवहन, जल आपूर्ति, सीवेज सिस्टम और अन्य आवश्यक सुविधाओं पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
क्लीनलीनेस के साथ ही ग्रीनरी में सुधार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ के प्रत्येक पहलू के प्रभावी प्रबंधन के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की महत्ता पर जोर दिया है। इसमें धर्मशालाओं का उन्नयन और निर्माण कार्यों के दौरान उज़्जैन, इंदौर और देवास जिलों में क्लीनलीनेस के साथ ही ग्रीनरी में सुधार शामिल है।