


भारत दशकों से मांग कर रहा है कि उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता दी जाए। भारत ने इसके लिए G4 गुट के साथ एक अभियान भी चला रखा है। हाल ही में भारत ने सुरक्षा परिषद के सुधार के दौरान मुस्लिम देश को स्थायी सदस्यता देने की तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन के मांग को खारिज कर दिया था। अब संयुक्त राष्ट्र से भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर अंतरसरकारी वार्ता (आईजीएन) के अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि यदि विश्व निकाय के सुरक्षा परिषद के विस्तार पर निर्णय लिया जाता है तो निश्चित रूप से भारत इसका एक प्रमुख दावेदार होगा।
राजदूत तारिक अलबनई ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'जाहिर है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अगर सुधार किया जाता है, तो उसका उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह सभी देशों का सही प्रतिनिधित्व करे।' उन्होंने कहा कि भारत आज वैश्विक मंच पर एक अहम और बड़ा देश है। अलबनई ने कहा ‘लेकिन संयुक्त राष्ट्र में कुल 193 देश हैं। इसलिए सुधार करते समय यह देखा जाना चाहिए कि हर देश की आवाज सुनी जाए और सभी सदस्य देशों को प्रतिनिधित्व मिले, न कि सिर्फ कुछ बड़े और ताकतवर देशों को ही जगह दी जाए।’