


इसी साल मई में जब बलूच राष्ट्रवादी नेताओं ने बलूचिस्तान की आजादी की घोषणा की तो इसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर नए सिरे से खींचा। बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे नेताओं ने बलूचिस्तान गणराज्य की स्थापना का ऐलान किया और इसे पाकिस्तान के खिलाफ अपने दशकों पुराने संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया था। लेकिन अब चार महीने के भीतर ही बलूच आंदोलन को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका ने बलूच विद्रोही समूह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है।
बलूचिस्तान में आजादी आंदोलन की कहानी
बलूचिस्तान के आजादी आंदोलन में बीएलए की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है और इसका प्रभाव भी बड़ा है। ऐसे में बीएलए को आतंकवादी संगठन घोषित करने से बलूच स्वतंत्रता आंदोलन को नुकसान पहुंचने की आशंका गलत नहीं है। ऐतिहासिक रूप में बलूच आंदोलन की जड़ें 1947 में जाती हैं, जब भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान का निर्माण हुआ। वर्तमान बलूचिस्तान का अधिकांश भाग उस समय कलात रियासत के अंदर आता था। ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद कलात रियासत ने खुद को आजाद घोषित कर दिया था।
बलूच नेताओं का घोषणापत्र
14 मई 2025 को बलूच नेताओं ने एक घोषणापत्र जारी कर बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने की मांग की और नागरिकों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का आह्वान किया। बलूच स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े नेतृत्व ने जिन्ना हाउस को बलूचिस्तान हाउस करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए।