रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की दो दिवसीय यात्रा कर वापस लौट गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा बयान दिया। दोनों देशों के कई ट्रेड डील हुई हैं। दोनों देशों के नेताओं के बीच कई कारोबारी मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसमें रूसी तेल और यूरिया प्लांट भी शामिल हैं। इस डील में चीन और अमेरिका के लिए कड़ा संदेश छिपा है।
ऐसे समय में हुआ जब दुनिया में तनाव काफी बढ़ा हुआ है। अमेरिका भारत पर रूस के साथ अपने पुराने संबंधों को कम करने का दबाव बना रहा है। हाल ही में अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर भारी टैरिफ लगाया है और रूसी तेल की खरीद पर प्रतिबंध भी लगाए हैं। चीन भी समय-समय पर कभी रेयर अर्थ तो कभी उर्वरकों पर बैन लगाता रहता है। चीन ने विशेष उर्वरकों के निर्यात को रोक दिया है। ऐसे में इस शिखर सम्मेलन से यह साफ हो गया कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता से समझौता नहीं करेगा और अमेरिकी मांगों के कारण रूस के साथ अपने रिश्ते को सीमित नहीं करेगा।