साल 2027 में 2 अगस्त को दिन में एक शानदार खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। यह एक दुर्लभ पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, जब दिन में अचानक आसमान में अंधेरा छा जाएगा और धरती पर तापमान में गिरने लगेगा। साल 2027 में लगने वाले इस पूर्ण सूर्यग्रहण की सबसे खास बात इसकी समयावधि है। यह पूर्ण ग्रहण 6 मिनट से भी ज्यादा समय तक रहेगा, जो इसे सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण बना रहा है। आज मौजूद लोगों में से शायद इस तरह का ग्रहण अपने जीवन में दोबारा नहीं देख सकेगा। यही वजह है कि खगोल वैज्ञानिक और आसमान पर नजर रखने वाले इसे सदी की महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाओं में से एक मान रहे हैं।
सूर्यग्रहण क्या है?
सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी क्रमशः एक सीध में होते हैं। चंद्रमा बीच में होने के चलते सूर्य को ढंक लेता है, जिससे आसमान धीरे-धीरे अंधेरा होने लगता है और शाम जैसा दिखाई देता है। चंद्रमा पूरी सीध में होने सूर्य का कोरोना दिखाई देने लगेगा।
सूर्यग्रहण किन देशों से होकर गुजरेगा?
ग्रहण जिस रास्ते से होकर गुजरता है उस पाथ ऑफ टोटलिटी कहते हैं। इस बड़े सूर्यग्रहण का रास्ता बड़े क्षेत्र से होकर गुजरेगा, जिससे लाखों लोग इसे सीधे देख सकेंगे। यह अटलांटिक महासागर के ऊपर से शुरू होगा और स्पेन से होते हुए आगे बढ़ेगा। यह जिब्राल्टर के ऊपर से गुजरते हुए उत्तरी अफ्रीका में घुसेगा और मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और लीबिया के कुछ हिस्सों को कवर करेगा। इसके बाद यह मिस्र में प्रवेश करेगा।