देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर में नवंबर में तेजी दर्ज की गई। नए व्यवसाय में तेजी और कीमतों में नरमी इसकी मुख्य वजह रही। बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक अक्टूबर के 58.9 से बढ़कर नवंबर में 59.8 पर पहुंच गया। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है।
एचएसबीसी की भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "देश का सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक अक्टूबर के 58.9 से बढ़कर नवंबर में 59.8 आ गया। यह बढ़ोतरी मजबूत नए से प्रेरित रही जिसने उत्पादन वृद्धि को बढ़ावा दिया। एशिया, यूरोप और पश्चिम एशिया में कंपनियों की बढ़त की सूचना के साथ अंतरराष्ट्रीय बिक्री में सुधार जारी रहा। हालांकि, विस्तार की दर आठ महीने के निचले स्तर पर आ गई। वहीं कड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा और अन्य जगहों पर सस्ती सेवाओं की आपूर्ति ने वृद्धि को बाधित किया है। सर्वेक्षण में कहा गया कि रोजगार के मोर्चे पर नवंबर में भारत की सेवा अर्थव्यवस्था में अधिक नौकरियां जुड़ीं लेकिन विस्तार की दर मध्यम रही और मोटे तौर पर पिछले दो महीनों के समान ही रही।
इस बीच, एचएसबीसी इंडिया समग्र उत्पादन सूचकांक अक्टूबर के 60.4 से नवंबर में 59.7 पर आ गया जो मई के बाद से सबसे धीमी वृद्धि दर को दर्शाता है। समग्र पीएमआई सूचकांक तुलनीय विनिर्माण व सेवा पीएमआई सूचकांकों का भारित औसत है। ये भार आधिकारिक सकल घरेलू उत्पाद आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों के सापेक्ष आकार को दर्शाते हैं।