


अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेंसेंट का कहना है कि यदि वाशिंगटन और यूरोपीय संघ रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर और अधिक ‘द्वितीयक प्रतिबंध' लगाते हैं तो इससे रूसी अर्थव्यवस्था ‘पूरी तरह से चरमरा' सकती है। बेंसेंट ने एक साक्षात्कार में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेन्स ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन के साथ ‘सार्थक' बातचीत की थी। इस दौरान अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा रूस पर और दबाव बनाने के संभावित उपायों पर चर्चा हुई। ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर पहले से लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त 25 प्रतिशत का और शुल्क लगा दिया है।
इस प्रकार नई दिल्ली पर कुल शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि अमेरिका रूस पर दबाव बढ़ाने को तैयार है, ‘‘लेकिन इसके लिए हमें अपने यूरोपीय साझेदारों का समर्थन चाहिए।'' बेंसेंट ने कहा, “यह अब एक रेस बन गई है- एक तरफ यूक्रेनी सेना कितने समय तक टिक सकती है और दूसरी तरफ रूसी अर्थव्यवस्था कितने समय तक संभल सकती है।” उन्होंने कहा, “अगर अमेरिका और ईयू मिलकर प्रतिबंधों को और सख्त करते हैं और रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर द्वितीयक शुल्क लगाते हैं, तो रूसी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी और इससे राष्ट्रपति पुतिन वार्ता के लिए मजबूर होंगे।” राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस बात से “बहुत निराशा” हुई है कि भारत रूस से “इतनी बड़ी मात्रा में” तेल खरीद रहा है।