


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने करीबी राजनीतिक सहयोगी सर्जियो गोर को भारत में अगले अमेरिकी राजदूत के रूप में चुना है। ट्रंप का यह कदम दोनों देशों के रिश्तों में मौजूदा चुनौतियों और उथल-पुथल के बीच एक बड़ा बदलाव ला सकता है। गोर ट्रंप के करीबी लोगों में से हैं। वह अपनी इस निकटता का इस्तेमाल करके भारत-अमेरिका साझेदारी में मौजूदा अड़चनों पर भारत के विचारों को ट्रंप से सीधे साझा कर सकते हैं। ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक जैसे लोगों द्वारा संबंधों को बिगाड़ने में निभाई जा रही भूमिका के बीच गोर एक पुल बनाने वाले की भूमिका निभा सकते हैं।
गोर को ट्रंप का भरोसा हासिल
व्हाइट हाउस में ट्रंप के व्यक्तिगत मामलों को संभालने वाले गोर को अमेरिकी राष्ट्रपति का विश्वास और भरोसा हासिल है। गोर भारत के लिए कोई अजनबी नहीं हैं और भारतीय प्रतिष्ठान के कुछ प्रमुख लोगों से परिचित हैं। सूत्रों ने कहा कि चूंकि अमेरिका में निर्णय लेने की प्रक्रिया मुख्य रूप से ट्रंप की होती है, इसलिए उनके करीबी भारतीय राजदूत की नियुक्ति भारत-अमेरिका संबंधों के लिए चुनौतियों से पार पाने में फायदेमंद हो सकती है।
भारत-अमेरिका गतिरोध तोड़ने में बनेंगे मददगार
एक सूत्र ने चुटकी लेते हुए कहा कि गोर की ट्रंप के साथ नज़दीकी गतिरोध को 'तोड़ने' में मददगार साबित हो सकती है। क्योंकि गोर भारत की चिंताओं को सीधे राष्ट्रपति तक पहुंचा सकेंगे, जबकि एक पेशेवर राजनयिक की राष्ट्रपति तक सीधी पहुंच नहीं हो सकती।