


सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार ने एक और सामाजिक सरोकार निभाते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य की योगी सरकार अब विशेष अभियान चलाकर ट्रांसजेंडर नागरिकों को राशन कार्ड मुहैया कराएगी। इसके तहत उन्हें ( ट्रांसजेंडर) पात्र गृहस्थी राशन कार्ड जारी कर खाद्यान्न की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
यूपी के खाद्य एवं रसद विभाग के निर्देश के मुताबिक, प्रदेश के सभी जिलों में विशेष अभियान चलाकर ऐसे ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की पहचान की जाएगी, जो अभी तक किसी कारणवश राशन कार्ड से वंचित हैं। यह कदम समाज के इस उपेक्षित वर्ग को न केवल भोजन की सुरक्षा देगा, बल्कि उन्हें शासन की मुख्यधारा से भी जोड़ेगा।
खाद्य एवं रसद विभाग के निर्देश के मुताबिक, ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड ने शासन को अवगत कराया है कि राज्य में बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर नागरिक आज भी आजीविका के स्थायी साधनों से वंचित हैं। सामाजिक असमानताओं के चलते न तो उनके पास स्थायी रोजगार है और न ही राशन कार्ड जैसी बुनियादी सरकारी सुविधा। इससे वे खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
इस अभियान के अंतर्गत पात्रता की पुष्टि के उपरांत संबंधित व्यक्तियों को 'पात्र गृहस्थी' श्रेणी में सम्मिलित कर उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभान्वित किया जाएगा। बता दें कि, राज्य में 60 वर्ष से अधिक आयु के ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को वृद्धाश्रम की सुविधा देने का फैसला किया गया है, जिससे उन्हें न केवल आश्रय मिलेगा, बल्कि एक सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर भी मिलेगा
खाद्य एवं रसद विभाग के निर्देश के मुताबिक - ट्रांसजेंडर को पेंशन, आयुष्मान भारत कार्ड, स्वास्थ्य जांच, भोजन और मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग जैसी आवश्यक सेवाएं भी दी जाएंगी। इसके अलावा ट्रांसजेंडर समुदाय की सुरक्षा और समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु प्रदेश सरकार ने हर जनपद में ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल की स्थापना की है. जिलाधिकारी की देखरेख में यह सेल संचालित हो रही है। अब तक 1,067 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं।