माघ मेला हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जिसका आयोजन हर वर्ष धर्म नगरी प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर होता है। हिंदू शास्त्रों और पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलने वाला यह मेला स्नान, दान, तप और साधना के लिए विशेष फलदायी माना गया है। मान्यता है कि माघ मास में संगम में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
माघ मेला 2026 की शुरुआत
वर्ष 2026 में माघ मेले की शुरुआत 3 जनवरी को पौष पूर्णिमा से होगी। इसके अगले दिन यानी 4 जनवरी 2026 (रविवार) से माघ मास का आरंभ होगा। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र का योग बन रहा है, जो वैदिक ज्योतिष में अत्यंत शुभ माना जाता है। पुनर्वसु नक्षत्र के साथ माघ मास का आरंभ होना सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का संकेत देता है।
75 वर्षों बाद बन रहा विशेष शुभ संयोग
माघ मेला 2026 को खास बनाने वाला सबसे बड़ा कारण है मकर संक्रांति का दुर्लभ संयोग। वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब मकर संक्रांति के दिन शनि देव का अनुराधा नक्षत्र रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय यदि शनि का शुभ नक्षत्र हो, तो उस दिन किया गया स्नान, दान और जप कई गुना फल देता है। इस दिन संगम स्नान करने से सूर्य का तेज, शनि की कृपा और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।