


भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एक इंटरव्यू में सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि विकेटकीपर-बल्लेबाज़ संजू सैमसन को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के मेंटर गौतम गंभीर ने भरोसा दिलाया है कि अगर वह लगातार 21 बार भी शून्य पर आउट हो जाते हैं, तब भी उन्हें 22वें मैच में मौका मिलेगा। यह बयान भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों के आत्मविश्वास और टीम मैनेजमेंट की सोच को लेकर चल रही बहस में एक नया आयाम जोड़ता है।
अश्विन ने इंटरव्यू में किया खुलासा
अश्विन ने एक क्रिकेट पोडकास्ट में बातचीत के दौरान कहा - संजू ने मुझे इंटरव्यू में बताया कि गौतम गंभीर ने उन्हें कहा है — भले ही तुम लगातार 21 बार शून्य पर आउट हो जाओ, फिर भी तुम्हें 22वें मैच में मौका मिलेगा। यह बात खिलाड़ियों के अंदर आत्मविश्वास भरने का काम करती है। अश्विन के इस बयान से साफ होता है कि गंभीर खिलाड़ियों में लंबी सोच और निरंतरता का भरोसा पैदा कर रहे हैं, जो टी20 जैसे फॉर्मेट में बेहद अहम है।
संजू सैमसन के लिए क्यों है ये भरोसा अहम?
संजू सैमसन पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया में स्थायी जगह नहीं बना पाए हैं। अक्सर उन्हें एक-दो मौकों के बाद टीम से बाहर कर दिया गया, जिससे उनके फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स नाराज़ दिखे।
लेकिन अब गौतम गंभीर जैसे पूर्व क्रिकेटर और मेंटर का यह समर्थन संजू के लिए एक मानसिक राहत और नया आत्मविश्वास साबित हो सकता है।
गंभीर का ‘खिलाड़ी में विश्वास’ वाला दृष्टिकोण
गौतम गंभीर हमेशा से अपने "नो नॉनसेंस" रवैये और खिलाड़ियों पर अडिग भरोसे के लिए जाने जाते हैं। IPL 2024 में KKR की जीत में भी उनकी रणनीति और खिलाड़ियों पर भरोसा बड़ा कारण रहा। अब जब गंभीर टीम इंडिया के साथ किसी भी कोचिंग या चयन की भूमिका में आ सकते हैं, तो उनका यह रवैया भविष्य के खिलाड़ियों के लिए बड़ा सहारा बन सकता है।
अश्विन के इस खुलासे से यह साफ हो गया है कि टीम मैनेजमेंट और मेंटर जैसे गंभीर जब खिलाड़ियों पर भरोसा जताते हैं, तो वे उन्हें एक-दो खराब प्रदर्शन के बाद भी मौका देने के लिए तैयार रहते हैं। संजू सैमसन जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी के लिए यह एक बड़ा मानसिक बल है और फैंस को अब उनसे स्थिरता की उम्मीद और ज्यादा हो गई है।