


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज मंगलवार को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में लगभग 7.42 करोड़ मतदाता शामिल किए गए हैं। आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बताया कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision -SIR) सफलतापूर्वक पूरा हो गया। निर्वाचन आयोग ने कहा कि अंतिम मतदाता सूची की भौतिक और डिजिटल प्रतियां राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही कोई भी मतदाता इसे ऑनलाइन voters.eci.gov.in पर देख सकता है। इस प्रक्रिया में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) बिहार, सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO), 243 निर्वाचक निबंधन अधिकारी (ERO), 2,976 सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारी (AERO), लगभग 1 लाख बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO), लाखों स्वयंसेवक और सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी रही।
इन दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नियुक्त 1.6 लाख से अधिक बूथ स्तरीय एजेंटों (BLA) ने भी इसमें सहयोग दिया। आयोग ने मीडिया का भी धन्यवाद किया, जिसने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन माध्यमों से लगातार जागरूकता फैलाने में मदद की। SIR प्रक्रिया को समझाने और जानकारी साझा करने के लिए राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें भी आयोजित की गईं। 20 जुलाई तक CEO, DEO, ERO और BLO ने राजनीतिक दलों के साथ उन मतदाताओं की बूथ स्तरीय सूचियां साझा कर दी थीं, जिनका नाम हटाना आवश्यक था-जैसे मृत मतदाता, स्थायी रूप से पलायन कर चुके लोग, या जिनका पता उपलब्ध नहीं था।
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पहले सभी राजनीतिक दलों को दी गई थी। जिन नामों को शामिल नहीं किया गया, उनकी सूची जिला स्तर पर DEO और DM कार्यालयों के साथ-साथ CEO बिहार की वेबसाइट पर भी सार्वजनिक की गई थी।
यह पूरी प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326 और निर्वाचन आयोग के आदर्श वाक्य-“कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो” के अनुरूप की गई। यदि कोई पात्र व्यक्ति अभी भी अपना नाम जोड़ना चाहता है, तो वह नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक आवेदन कर सकता है। अगर कोई मतदाता अंतिम वोटर लिस्ट में प्रविष्टि को लेकर असंतुष्ट है, तो वह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रथम अपील और CEO के समक्ष द्वितीय अपील दाखिल कर सकता है।