


राज्य के शासकीय सेवकों को आइएएस व आइपीएस अफसरों की तरह एडवांस प्रमोशन मिलेगा। पात्र सेवकों को बीते वर्षों की तरह छह महीने से लेकर एक साल तक प्रमोशन प्रक्रिया का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बढ़ा हुआ ओहदा पाने क्लास-1 स्तर के अफसरों के लिए मेरिट कम वरिष्ठता और नीचे के शासकीय सेवकों के लिए वरिष्ठता कम मेरिट मुख्य आधार होगा। रिवर्ट किसी को नहीं किया जाएगा।
मंजूरी के लिए लाया जाएगा प्रस्ताव
पूर्व की तरह प्रमोशन में एसटी वर्ग के शासकीय सेवकों को 20% और एससी के लिए 16% आरक्षण की व्यवस्था होगी। 9 साल बाद तैयार प्रमोशन नीति के ड्राट में ये मुख्य बिंदु शामिल बताए जा रहे हैं। ड्राफ्ट को मंगलवार 17 जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। मंजूरी के बाद पदोन्नति के रास्ते साफ होंगे। कैबिनेट में बिजली कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 5168 करोड़ की स्वीकृति संबंधी प्रस्ताव भी लाया जा सकता है।
सीएम ने किया था एलान
बता दें कि राज्य में 9 साल से शासकीय सेवकों को प्रमोशन नहीं मिला। इससे काफी नाराजगी थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन सभी विषयों को देखते हुए अप्रेल में प्रमोशन देने संबंधी घोषणा की थी।
अफसरों ने इस तरह सुझाए फॉर्मूले
पहले एसटी, एससी वर्ग के शासकीय सेवकों को प्रमोशन दिया जाना चाहिए। वरिष्ठता व मेरिट के आधार पर इन्हें अनारक्षित समूह में भी प्रमोशन का लाभ मिलना चाहिए।
नौकरी में शामिल होते समय जिस शासकीय सेवक की जिस पद पर तैनाती हुई, उसे उसी पद पर वरिष्ठताऔर मेरिट के आधार पर प्रमोशन दिया जाए।
सबसे अंत में अनारक्षित वर्ग के सेवकों को प्रमोशन मिले।