


हमारी धरती पर एक बड़े खतरे का सामना कर रही है जो ग्रह पर मौजूद जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। धरती के वायुमंडल में कॉर्बन डाईऑक्साइड का स्तर साल 2024 में रेकॉर्ड स्तर तक बढ़ गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की एक नई रिपोर्ट में ये बताया गया है और कहा गया है कि इससे पृथ्वी का तापमान दीर्घकालिक रूप से और अधिक बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में CO2 के बढ़ने के लिए मानवीय गतिविधियों से इसका लगातार उत्सर्जन, जंगलों में आग लगने की घटनाओं में लगातार वृद्धि के साथ ही जमीन के पारिस्थितिकी तंत्र और महासागरों से इसके अवशोषण में कमी को जिम्मेदार बताया गया है।
WMO की रिपोर्ट के अनुसार, 1960 के दशक से CO2 की वृद्धि दर 0.8 पीपीएम प्रतिवर्ष के मुकाबले तीन गुना बढ़ गई है। 2011-20 के दशक में यह 2.4 पीपीएम प्रतिवर्ष हो गई। वहीं, 2023 से 24 में CO2 की वैश्विक औसत सांद्रता 3.5 पीपीएम मापी गई, जो 1957 में आधुनिक मापन शुरू होने के बाद से सबसे बड़ी वृद्धि है। इस बीच मानवीय गतिविधियों से जुड़ी दो अन्य महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैसें मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड भी रेकॉर्ड स्तर तक बढ़ गई है।