


म्यांमार में 2021 में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से लगातार अराजकता फैली हुई है। म्यांमार में जुंटा सेना और विद्रोही समूहों के बीच लगातार सैन्य झड़पें हो रही हैं। म्यांमार के गृहयुद्ध के बीच चीन उसके दुर्लभ खनिज तत्वों की खदानों (रेयर अर्थ माइन) पर प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में लगा है। म्यांमार के जुंटा शासन और विद्रोही गुटों में संतुलन साधते हुए चीन खनिज तत्वों के वैश्विक बाजार पर दबदबा बना रहा है। हालांकि म्यांमार की अस्थिरता ने दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की आपूर्ति में चीन के लिए जोखिम बढ़ाया है।
म्यांमार दुर्लभ पृथ्वी उत्पादन के दुनिया के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से अधिकांश धातुएं चीन को भेजी जाती हैं। चीन इससे दुर्लभ पृथ्वी निर्यात पर नियंत्रण बढ़ा रहा है, जिससे वैश्विक स्तर पर कमी हो रही है और उद्योगों की चीनी आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता बढ़ रही है। चीन दुनिया का शीर्ष दुर्लभ पृथ्वी उत्पादक है लेकिन फिर भी वह इन धातुओं वाले कच्चे माल का आयात करता है।
म्यांमार की धरती में कीमती धातुएं
वुड मैकेंजी के दुर्लभ पृथ्वी तत्व के एक वरिष्ठ सलाहकार यू वांग ने बताया कि म्यांमार में आईएसी खनिकों से निकाले गए दुर्लभ पृथ्वी को आगे प्रसंस्करण और शोधन के लिए ज्यादातर रेयर अर्थ ऑक्साइड के रूप में चीन भेजा जाता है। चीन ने प्रभावी रूप से अपने अधिकांश दुर्लभ पृथ्वी निष्कर्षण को म्यांमार को आउटसोर्स किया है। चीन की रेयर अर्थ के लिए म्यांमार पर निर्भरता ने इसे आपूर्ति श्रृंखला जोखिमों के लिए खोल दिया है। ग्लोबल विटनेस के शोध के अनुसार, म्यांमार से अधिकांश भारी दुर्लभ रेयर अर्थ उत्तरी काचिन राज्य से आती हैं, जो चीन के साथ सीमा साझा करता है।