


भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 7 से 10 सितंबर तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है। विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान समुद्र में मौसम खराब रहेगा और लहरें तेज होंगी। वहीं राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, सरदार सरोवर डैम वर्तमान में अपनी क्षमता के 91.26 प्रतिशत पर है, जिसमें 3,09,048 एमसीएफटी पानी संग्रहित है।
गुजरात के कुल 206 जलाशयों में से 123 डैम हाई अलर्ट पर हैं, 20 अलर्ट पर और 14 चेतावनी स्तर पर पहुंच गए हैं। इस समय सभी जलाशयों में कुल 4,67,920 एमसीएफटी पानी है, जो कुल भंडारण क्षमता का लगभग 83.87 प्रतिशत है। वहीं पिछले 24 घंटे में गुजरात में भारी बारिश दर्ज की गई है। 1 जून से अब तक 5,598 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 1,045 लोगों को बचाया गया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए 12 एनडीआरएफ और 22 एसडीआरएफ की टीमें विभिन्न जिलों में तैनात हैं।
इस बार गुजरात का मानसून शुरुआती उछाल, असमान वितरण और बीच-बीच में तेज वापसी के कारण खास रहा है। जून का महीना पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना रहा, जब राज्य ने सिर्फ 20 दिनों में अपने पूरे सीजन के लगभग एक-तिहाई बारिश प्राप्त कर ली थी। इसमें दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई।
वहीं जुलाई के मध्य तक राज्य में 51-54 प्रतिशत मौसमी औसत बारिश हो चुकी थी। हालांकि, इसमें भी असमानता दिखी कच्छ में करीब 60 प्रतिशत बारिश हुई, जबकि उत्तर गुजरात में यह 50 प्रतिशत से कम रही। अगस्त तक राज्य ने 64 प्रतिशत औसत पार कर लिया था। देवभूमि द्वारका जिले में 2,000 मिमी से अधिक बारिश हुई, जो सामान्य से 135 प्रतिशत ज्यादा थी। वहीं सौराष्ट्र के गिर सोमनाथ और अमरेली में 20-59 प्रतिशत तक बारिश की कमी रही।
सितंबर में प्रवेश करते ही राज्य ने अपने मानसूनी लक्ष्य का लगभग 90 प्रतिशत पूरा कर लिया। दक्षिण गुजरात 94 प्रतिशत तक पहुंच गया है और पूर्वानुमान के अनुसार, इस महीने 109 प्रतिशत लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) यानी सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है।