


उत्तराखंड के हरिद्वार में सोमवार तड़के मनसा देवी की पहाड़ियों से भारी भूस्खलन हुआ, जिससे हरिद्वार-देहरादून-ऋषिकेश रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बाधित हो गया। यह घटना हर की पौड़ी के नजदीक घटी, जहां बारिश के चलते पहाड़ियों से मलबा और चट्टानें तेजी से नीचे गिरने लगीं।
भारी बारिश के कारण भीमगोड़ा रेल सुरंग के पास रेल पटरी पर मिट्टी और भारी चट्टानों का मलबा आ गिरा। इस कारण वंदे भारत सहित एक दर्जन से अधिक ट्रेनों का संचालन रोकना पड़ा।भूस्खलन की चपेट में आकर रेल पटरी के पास स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर भी ध्वस्त हो गया।
पहले भी हो चुका है भूस्खलन
कुछ दिन पहले भी इसी स्थान पर भूस्खलन के कारण रेल मार्ग अवरुद्ध हो चुका है। रेलवे ने सुरक्षा के मद्देनजर लोहे का भारी जाल पहाड़ी और पटरी के बीच लगाया था, लेकिन इस बार भारी पत्थर जाल को तोड़ते हुए सीधे पटरी पर आ गिरे।
मलबा हटाने का कार्य जारी
भूस्खलन की सूचना मिलते ही प्रशासन और रेलवे विभाग की टीम मौके पर पहुंची। गैस कटर और जेसीबी मशीनों की मदद से जाल काटकर और मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
जीआरपी की पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभी रेल संचालन पूरी तरह बंद है और वंदे भारत समेत कई ट्रेनें रोकी गई हैं।
जल्द बहाल हो सकता है रेल मार्ग
अधिकारियों के अनुसार, मलबा हटाने में समय लग सकता है क्योंकि बहुत बड़ी मात्रा में भारी पत्थर और मिट्टी ट्रैक पर गिरी है। हालांकि, प्रयास किए जा रहे हैं कि शाम तक रेल मार्ग आंशिक रूप से बहाल कर दिया जाए।