


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा में प्रदेश के औद्योगिक विकास और निवेश संवर्धन पर वक्तव्य दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, आज भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन रहा है और इस राष्ट्रीय प्रगति में मध्यप्रदेश अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. हमारा मध्यप्रदेश देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक है.
विगत 18 महीनों में प्रदेश की छवि को नई पहचान और प्रतिष्ठा मिली
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विगत 18 महीनों में मध्यप्रदेश की छवि को हमने एक नई पहचान और प्रतिष्ठा दिलाई है. हमने हर संभव प्रयास किया है कि मध्यप्रदेश की वास्तविक क्षमता को देश और दुनिया के हर कोने तक पहुंचाया जा सके. हमारा प्रदेश कृषि उत्पादन में देश में नंबर एक है. हमारी सरकार ने सिंचाई क्षेत्र को 5 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 52 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया है.
'मेक इन मध्यप्रदेश' संकल्प के लिए अपने प्रयासों को तेजी से आगे बढ़ाया
उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश अब केवल कृषि उत्पादों या खनिजों का सबसे बड़ा उत्पादक मात्र नहीं है. अब हम मध्यप्रदेश को इन उत्पादों के प्रसंस्करण का सबसे बड़ा केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. यह परिवर्तन न केवल हमारे किसानों और उत्पादकों को उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाएगा, बल्कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देगा, जिससे हजारों नए रोजगार सृजित होंगे और हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलेगी.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ‘मेक इन मध्यप्रदेश’ के संकल्प के लिए हमने अपने प्रयासों को तेजी से आगे बढ़ाया है, चाहे निवेशकों से मिलने की बात हो या नीतियों में परिवर्तन की बात हो. पिछले 18 महीने में सरकार ने प्रदेश में निवेश-अनुकूल वातावरण बनाने के लिए एक अभियान चलाया हुआ है. वर्तमान में मध्यप्रदेश न केवल भारत का भौगोलिक केंद्र है, बल्कि औद्योगिक, कृषि, फार्मा और रक्षा निर्माण का ग्लोबल सप्लाई हब भी बनता जा रहा है.
हम ‘लोकल से ग्लोबल तक’ की यात्रा पर हैं, और हमारे उत्पादों की गुणवत्ता और क्षमता को दुनिया पहचान रही है. आयशर मोटर्स और फोर्स मोटर्स के ट्रक और ट्रैक्टर आज अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण एशिया में चलते हैं. BHEL (भोपाल), मंडीदीप में बने पावर ट्रांसफॉर्मर देश और विदेशों की पावर ग्रिड में ऊर्जा पहुंचा रहे हैं.
प्रदेश के मिलेट्स अंतर्राष्ट्रीय मांग में हैं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि महेश्वरी और चंदेरी साड़ियों को हैंडलूम G. टैग के साथ जापान और यूरोप तक निर्यात किया जा रहा है. झाबुआ, मंदसौर और नीमच के ऑर्गेनिक मसाले, गेहूं और धनिया अब यूरोपीय थालियों में हैं. मिलेट्स (श्री अन्न) – विशेष रूप से कोदो, कुटकी और बाजरा – स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय मांग में हैं. यूरोप की थाली में मध्यप्रदेश के मसाले परोसे जा रहे हैं. स्विजरलैंड के व्यापारी प्रदेश की कोदो कुटकी में निवेश के इच्छुक हैं.
मध्यप्रदेश के कोने-कोने तक विकास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार का एक प्रमुख लक्ष्य प्रदेश में क्षेत्रीय असमानता को कम करना है, और इसी दिशा में हम सर्वांगीण क्षेत्रीय विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. जिस प्रकार प्रधानमंत्री देश के प्रत्येक राज्य के विकास पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दे रहे हैं, ठीक उसी तरह हमारी सरकार भी प्रदेश के हर कोने और हर क्षेत्र की संभावनाओं पर केंद्रित है. इसी कड़ी में, राज्य के विभिन्न संभागों में रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. इन कॉनक्लेव से प्रदेश के हर क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं को निवेशकों तक ले जाया गया.
औद्योगिक इकाइयों का भूमि आवंटन शिलान्यास एवं लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि वर्ष भर में 77 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण किया गया, जिनमें ₹1374 करोड़ का निवेश हुआ और 4800 से अधिक व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला. प्रदेश में 151 औद्योगिक इकाइयों का भूमि पूजन संपन्न कराया गया, जिनसे ₹7336 करोड़ के निवेश और 13,700 से अधिक संभावित रोजगार सृजन की उम्मीद है. कुल 789 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन हेतु आशय पत्र (Lol) जारी किए गए हैं, जिनमें ₹28,722 करोड़ के निवेश और 66,550 से अधिक संभावित रोजगार का सृजन अनुमानित है.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS), 2025
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा किवर्ष 2025 में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) का भव्य आयोजन किया गया. यह पहली बार था जब इस तरह का महत्वपूर्ण समिट भोपाल में आयोजित किया गया, जिसने राज्य की राजधानी को वैश्विक मंच पर स्थापित किया. इस समिट में 65 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की. यह समिट न केवल राज्य के औद्योगिक इतिहास में, बल्कि देश के निवेश आयोजनों में भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही. इस आयोजन में प्रधानमंत्री श्री मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह दोनों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने अपने आशीर्वाद से इस समिट को और भी सफल बनाया.
GIS 2025 में कुल 25,000 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति रही, जो अब तक के सभी GIS में सर्वाधिक है. इस समिट व अन्य प्रयासों के दौरान ₹30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. इस आयोजन की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह रही कि इसमें पहली बार 06 विभागीय समिट का आयोजन किया गया. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS), रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (RICs) और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय रोड-शो कार्यक्रमों के निवेश प्रस्तावों के आधार पर कुल 254 उद्योगों को भूमि आवंटित की गई है. इससे कुल ₹1,52,574 करोड़ का निवेश होगा, जिससे 1.82 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे.
3.22 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि विभिन्न विभागों द्वारा निवेश प्रोत्साहन के प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश में कुल 909 खनिज ब्लॉक्स के लिए 3.22 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. Minor Minerals की परियोजनाएँ अगले 12-18 माह में शुरू होने की स्थिति में हैं. Major Minerals व कोल ब्लॉक्स के लिए भी प्रक्रिया जारी है. पर्यटन के क्षेत्र में 305 निवेशकों से 64,635 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त, 6 संगठनों के साथ ₹325 करोड़ से अधिक के MOU किए गए. IBM, Microsoft, Barclays से स्किलिंग MoUs प्रक्रियाधीन हैं. साथ ही ड्रोन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के लिए IISER के साथ MOU भी प्रक्रियाधीन है.
वैश्विक व्यापार का मध्यप्रदेश में स्वागत है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार केवल निवेश आकर्षित करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हम मध्यप्रदेश की एक सशक्त ब्रांड इमेज का निर्माण कर रहे हैं. हम यह संदेश देना चाहते हैं कि मध्यप्रदेश अब तैयार है तैयार है विश्व का स्वागत करने के लिए, तैयार है हर चुनौती का सामना करने के लिए और तैयार है वैश्विक पटल पर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए. हमने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने हेतु कई प्रभावी कदम उठाए है. उन्होंने कहा कि मुंबई, कोयम्बटूर, बेंगलुरु, कोलकाता, पुणे, सूरत और लुधियाना सहित 08 प्रमुख भारतीय शहरों में इंटरैक्टिव सेशन्स का आयोजन किया गया.
उद्योगों के लिए अधोसंरचना विकास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि औद्योगिक विकास को गति देने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों के उन्नयन एवं विकास कार्यों पर राशि रू.2000 करोड़ से अधिक खर्च किए जा रहे हैं. इनमें उज्जैन में विक्रम उद्योगपुरी, धार में पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क, मुरैना में मेगा लेदर, फुटवियर और एक्सेसरीज़ क्लस्टर डेवलपमेंट पार्क, मोहसा बाबई में रिन्यूएबल एनर्जी एवं पावर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग पार्क phase 2, मेगा इंडस्ट्रियल पार्क रतलाम, आष्टा इंडस्ट्रियल क्लस्टर, सीहोर,पीथमपुर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, इंदौर में इकोनॉमिक कॉरिडोर और टेलीकॉम मेन्युफेक्चरिंग जोन शामिल हैं.
हमारी सरकार श्रमिकों के हितों की रक्षा करती है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में एक मजबूत सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया है, जहाँ निवेशकों को सभी आवश्यक स्वीकृतियाँ और परमिट एक ही स्थान पर मिलते हैं, जिससे उनका बहुमूल्य समय और संसाधन बचते हैं. राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक जिले में निवेश प्रोत्साहन केंद्रों की स्थापना की गई है, जो निवेशकों को स्थानीय स्तर पर मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर रहे हैं. हमारी सरकार श्रमिकों के हितों की रक्षा करती है. हमने हुकुमचंद मिल के श्रमिकों के साथ न्याय किया है, और हम अन्य मिलों के मामलों में भी इसी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं.