


भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम 9 सितंबर को भारत की राजकीय यात्रा पर आएंगे। वह यहां 16 सितंबर तक रहेंगे।प्रधानमंत्री रामगुलाम के उनके वर्तमान कार्यकाल में भारत की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा होगी। मार्च 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा के बाद प्रधानमंत्री रामगुलाम भारत की यात्रा, दोनों देशों के बीच मजबूत और स्थायी संबंधों को आगे बढ़ाएगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कल शुक्रवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री रामगुलाम इससे पहले 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत आए थे। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम 9 से 16 सितंबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वे दिल्ली के अलावा मुंबई, वाराणसी, अयोध्या और तिरुपति भी जाएंगे। मुंबई में वे एक व्यावसायिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।”
पिछले महीने प्रधानमंत्री रामगुलाम ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता को शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने कहा था कि मॉरीशस और भारत के बीच का रिश्ता इतिहास और संस्कृति में गहराई से निहित है।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने मॉरीशस समकक्ष को धन्यवाद देते हुए मॉरीशस को भारत का “रणनीतिक और विश्वसनीय साझेदार” बताया था। इससे पहले वर्ष की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर मॉरीशस गए थे, जहां उन्होंने मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लिया और प्रधानमंत्री रामगुलाम एवं राष्ट्रपति धरम गोकहूल से मुलाकात की थी।
आपको बता दें, भारत और मॉरीशस के बीच घनिष्ठ और विशेष संबंध हैं, जो साझा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संबंधों पर आधारित हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसी के रूप में, मॉरीशस भारत के विज़न महासागर (क्षेत्र भर में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) और ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ में एक विशेष स्थान रखता है और वैश्विक दक्षिण में एक प्रमुख भागीदार है।