पूरे मध्यप्रदेश में ठंड ने जबरदस्त असर दिखाना शुरू कर दिया है। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं और शीतलहर के चलते प्रदेश के कई इलाकों में तापमान तेजी से गिरा है और कई पुराने रिकॉर्ड टूट गए हैं। खास तौर पर इंदौर की रातें बीते दस वर्षों में सबसे ठंडी दर्ज की गई हैं। यहां न्यूनतम तापमान पचमढ़ी के समान 5.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। राजधानी भोपाल में भी रात का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की चेतावनी दी है।
दिसंबर महीने में मध्यप्रदेश में सर्दी ने रिकॉर्ड तोड़ रफ्तार पकड़ ली है। उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं और जेट स्ट्रीम के प्रभाव से कई शहरों का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। तापमान में आई तेज गिरावट के कारण शीतलहर का असर साफ तौर पर नजर आ रहा है।
इंदौर और पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंदौर के लिए यह बीते दस वर्षों का सबसे कम तापमान है।
अन्य प्रमुख शहरों का हाल:
राजधानी भोपाल में रात का तापमान 6.5 डिग्री, ग्वालियर में 9.1 डिग्री, उज्जैन में 9 डिग्री और जबलपुर में 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
10 डिग्री से नीचे पहुंचा पारा
राजगढ़ (5.2), नौगांव (6.4), उमरिया (6.6), रीवा (7), मलाजखंड (7.2), मंडला (7.6) के साथ-साथ रायसेन, शिवपुरी, नरसिंहपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, खजुराहो, सतना, टीकमगढ़, रतलाम और दमोह समेत अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा।
दिन में मिली थोड़ी राहत, रात में बढ़ी ठिठुरन
शनिवार को दिन के समय मौसम कुछ हद तक सामान्य रहा। 13 दिसंबर 2025 को दोपहर बाद प्रदेश में अधिकतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। साफ आसमान और धूप के कारण दिन में हल्की राहत महसूस हुई। भोपाल में दोपहर 2 बजे तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, लेकिन शाम ढलते ही तापमान तेजी से गिर गया। रात में पारा 15 से 18 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया, जिससे कड़ाके की ठंड का एहसास हुआ।