


स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर आज देश के प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आजाद के साहस, बलिदान और देशभक्ति की भावना को याद करते हुए उनके योगदान को सराहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद वीरता और साहस के प्रतीक थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और युवाओं को न्याय के लिए डटकर मुकाबला करने की प्रेरणा दी।
आजाद ने अपनी क्रांतिकारी भावना से अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आजाद को सच्चा देशभक्त बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी क्रांतिकारी भावना से अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी। उन्होंने कहा, “आजाद ने अंतिम सांस तक स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और राष्ट्र सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।”
चंद्रशेखर आजाद ने स्वतंत्रता आंदोलन को जन-आंदोलन में बदला
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चंद्रशेखर आजाद को मां भारती का सच्चा सपूत बताया और कहा कि आजाद ने स्वदेशी, स्वराज और भारतीय संस्कृति के प्रति जन जागृति पैदा की और स्वतंत्रता आंदोलन को जन-आंदोलन में बदला।
चंद्रशेखर आजाद का जीवन राष्ट्र के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आजाद के समर्पण को प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि उनका जीवन देशभक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “मातृभूमि को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन। राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।”
चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने अप्रतिम साहस और देशभक्ति से ब्रिटिश शासन की जड़ें हिला दीं
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आजाद के क्रांतिकारी योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका प्रसिद्ध कथन, “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं और आजाद ही रहेंगे।” उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिवीर, अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। चन्द्रशेखर आजाद जी ने अपनी अद्वितीय देशभक्ति से अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिलाने का काम किया और समस्त राष्ट्र को स्वतंत्रता के प्रति जागरूक किया। उन्होंने अपने जीवन के सर्वोत्तम क्षणों को देश की आज़ादी के लिए समर्पित कर दिया। उनका जीवन भारतीय स्वाधीनता संग्राम की एक अनमोल धरोहर है। “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं और आजाद ही रहेंगे” उनका यह वाक्य आज भी हम सभी के हृदय में गूंजता है तथा राष्ट्र सेवा हेतु हर भारतीय को प्रेरित करता है।”