


छत्तीसगढ़ में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्रालय ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संदर्भ में प्रदेश के सभी कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजे गए हैं। विभाग ने एक संशोधित समय-सारणी भी जारी की है, जिसके आधार पर युक्तिकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
शिक्षकों की संख्या बच्चों की संख्या के अनुपात में हो
जारी आदेश के अनुसार, विभाग ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत, शालाओं में शिक्षकों की संख्या बच्चों की संख्या के अनुपात में हो। वर्तमान में, प्रदेश में कई शालाओं में सैकड़ों शिक्षक अतिरिक्त रूप से नियुक्त हैं, जबकि कई शालाएं पूरी तरह से शिक्षक विहीन हैं या केवल एक शिक्षक पर निर्भर हैं। इस असमानता को सुधारने के उद्देश्य से, शालाओं और शिक्षकों का युक्तिकरण छात्र हितों को ध्यान में रखकर उचित बताया गया है।
समुचित युक्तिकरण किया जाएगा
आदेश के अनुसार, उन स्थानों पर, जहां एक ही परिसर में या आस-पास के क्षेत्र में दो या अधिक शालाएं संचालित हो रही हैं, उनका समुचित युक्तिकरण किया जाएगा। साथ ही, अतिरिक्त शिक्षकों को शिक्षक विहीन या एकल शिक्षक प्रणाली वाली शालाओं में समायोजित किया जाएगा। यह प्रक्रिया मंत्रिपरिषद् के 09 जुलाई 2024 को लिए गए निर्णय के संदर्भ में लागू की जाएगी। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे संशोधित समय-सारणी का पालन करते हुए इस प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करें।