


सोने के बाद अब चांदी खरीदने वालों को भी हॉलमार्क का लाभ मिलने वाला है। एक सितंबर से देश भर के साथ ही चांदी के गहनों और बर्तनों पर सरकार हॉलमार्क लागू करने जा रही है, हालांकि प्रारंभ में इसे स्वैच्छिक तौर पर लागू किया जा रहा है। चांदी पर 6 डिजिट वाली एचयूआईडी हॉलमार्किंग लागू होगी।
यानी अब हर चांदी पर सोने की तरह ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स की मुहर (BIS Seal) होगी, जो शुद्धता और असलियत की गारंटी देगी। 900, 800, 835, 925, 970 और 990 जैसी 6 ग्रेड चांदी पर हॉलमार्किंग लागू की जाएगी। इससे ग्राहकों को सही दाम मिलेगा और ईमानदार व्यापारियों का विश्वास बढ़ेगा।
गहनों की मजदूरी बढ़ेगी, तो गहने भी होंगे महंगे
एमपी के सराफा कारोबारियों की मानें तो इससे गहनों की मजदूरी पर 30 फीसदी का इजाफा होगा। इससे वर्तमान में एक हजार रुपए की मिलने वाली पायल के दाम 1500 रुपए तक हो जाएंगे। ग्वालियर में सालाना चांदी का 500 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होता है।
जाने क्या है 'हॉलमार्क'
हॉलमार्क एक सरकारी मान्यता प्राप्त प्रमाण है, जो धातु की शुद्धता बताता है। जैसे, सोने में 22 कैरेट या 18 कैरेट का हॉलमार्क होता है, वैसे ही अब चांदी पर भी एक खास निशान होगा, जो बताएगा कि उसमें चांदी की शुद्धता कितनी है। बीआईएस के तहत मान्यता प्राप्त अस्सेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर में धातु की जांच के बाद यह मुहर लगाई जाती है।
ग्राहकों को क्या फायदे?
शुद्धता की गारंटी : हर हॉलमार्क चांदी पर बीआईएस का लोगो, शुद्धता का अंक और पंजीकरण नंबर।
सही दाम : वजन और शुद्धता में धोखाधड़ी की संभावना कम।
बेचने में आसानी : हॉलमार्क चांदी की पुनर्खरीद पर बेहतर रेट मिलेगा।