


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को दावा किया कि 130वें संवैधानिक संशोधन संबंधी विधेयक के पीछे असली खेल की मंशा हो सकती है क्योंकि यदि किसी भी मुख्यमंत्री को 30 दिन जेल में रहने पर पद से हटा दिया जाए तो फिर चुनाव की चिंता क्यों होगी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि चुनावी सुधार के नाम पर लोगों के मतदान के अधिकार को छीनने का प्रयास हो रहा है। खरगे ने अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर पर ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "पिछले 11 वर्षों में आरएसएस-भाजपा द्वारा भारत के लंबे समय से पोषित और कड़ी मेहनत से निर्मित लोकतंत्र को खोखला करने का षड्यंत्रकारी प्रयास किया जा रहा है।"
उन्होंने दावा किया कि चुनावी हेराफेरी को "सुधार" का जामा पहनाकर, संविधान में निहित सबसे महत्वपूर्ण मतदान के अधिकार को छीनने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा "बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के माध्यम से लाखों लोगों, विशेष रूप से कमजोर वर्गों को मताधिकार से वंचित करने से लेकर राहुल गांधी द्वारा उजागर की गई निंदनीय "वोटचोरी" तक, भाजपा ने लगातार और रणनीतिक रूप से चुनावों की शुचिता को खत्म कर दिया है। "
खरगे का दावा है, "असली खेल 130वें संवैधानिक संशोधन विधेयक में हो सकता है। यह प्रस्ताव केंद्र को चुनी हुई राज्य सरकारों को "भ्रष्ट" करार देकर गिराने की अनुमति देता है, जिसका आकलन पहले से ही भाजपा की पकड़ वाली एजेंसियों द्वारा आसानी से किया जा सकता है।" उनका आरोप है कि यह विधेयक दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, "जब आप निर्वाचित मुख्यमंत्रियों को 30 दिनों के भीतर कानूनी तौर पर बर्खास्त कर सकते हैं तो चुनाव की चिंता क्यों करें? इसका संदेश यही प्रतीत होता है। "