


अहमदाबाद में हुए कांग्रेस के अधिवेशन के बाद अब जिलाध्यक्षों का रिपोर्ट कार्ड खंगला जा रहा है। रिपोर्ट कार्ड ही उनका सियासी भविष्य तय करेगा। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी जिलों में बदलाव होना तय है। वहीं नए की तलाश भी शुरू हो गई है। संभावितों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं वे आपराधिक प्रवृ़त्ति के तो नहीं है।
जिला स्तर पर फेरबदल
दरअसल, अधिवेशन में जिलाध्यक्षों के मामले में अहम प्रस्ताव पारित हुआ था। इसके तहत उन्हें पावरफुल बनाया जाना है। यानी जिला स्तर के फैसले इनकी मर्जी से होंगे। चुनाव में उम्मीदवार तय करने में भी भूमिका होगी। प्रस्ताव को संपूर्ण नियमावली के साथ संगठनात्मक ढांचा मजबूत बनाने सभी प्रतिनिधियों के समक्ष रखा जाएगा। ऐसे में जिला स्तर पर फेरबदल तय है। जिलाध्यक्षों से लेकर ब्लॉकों में नए पदाधिकारी नियुक्त होंगे। ग्रामीण जिलाध्यक्ष भी बदलेंगे।
यह बदलाव भी दिखेगा
जिले के संगठनात्मक स्तर पर कई बदलाव होंगे। ऐसे कार्यकर्ता जो लंबे समय से पार्टी के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं, उन्हें नई और अहम Oजिमेदारियां दी जाएंगी। युवा, उर्जावान लोगों को अवसर दिया जाएगा। शहर व जिले के लगभग सभी ब्लॉक में नए अध्यक्ष नियुक्त करने की तैयारी है। अप्रेलअंत या मई की शुरुआत में परिवर्तन हो सकता है।