


पूरे देश में जहां एक तरफ वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर लाए गए वक्फ (संशोधन) एक्ट 2025 की चर्चाएं हो रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता अब बीजेपी की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जिस तरह से बीजेपी वक्फ संपत्तियों की चिंता कर रही है, क्या उस तरह से तमाम हिंदुओं के प्रतिष्ठित संस्थानों की खुर्द-बुर्द हो रही जमीनों की भी चिंता कर रही है या नहीं?दरअसल, मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने बदरी केदार मंदिर समिति की संपत्ति को लेकर सवाल उठाए हैं। साथ ही उसके जरिए सरकार को घेरा है।
अतिक्रमण में राज्य सरकार की कार्यवाही
कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने आरोप लगाया कि बदरी-केदार मंदिर समिति की लाखों करोड़ों की जमीन पर कब्जा है, लेकिन डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी इन जमीनों को बदरी-केदार मंदिर समिति अपने अधीन लाने में समर्थ नहीं हुआ है. अब तक बदरी केदार मंदिर समिति की संपत्तियों के मामले में बीजेपी ने एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया है।
विधायक ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि बीकेटीसी की जमीनों पर हुए अवैध कब्जे पर बुलडोजर क्यों नहीं चलता है? यदि मामला न्यायालय में है तो क्यों इन मामलों की पैरवी ठीक तरीके से की जा रही है? उन्होंने कहा ये पूरे देश और दुनिया के लिए बेहद सुखद अनुभव होगा, यदि बदरी केदार मंदिर समिति की संपत्तियों को बीजेपी अतिक्रमण मुक्त करने में कामयाब रहेगी।वहीं काजी निजामुद्दीन के इस बयान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो भी अतिक्रमण के मामले हैं उन पर राज्य सरकार कार्यवाही कर रही है, सभी को प्रदेश के भीतर कानून के अनुरूप जीने की आदत होनी चाहिए।