


केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भोपाल में राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब देश में सहकारी समितियां पेट्रोल पंप और रसोई गैस वितरण का काम भी करेंगी। यह फैसला सहकारिता क्षेत्र को नई दिशा देने और ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
मप्र दुग्ध संघ और NDDB के बीच मुख्य एमओयू साइन हुआ।
इसके साथ ही मध्यप्रदेश के 6 दुग्ध संघों और NDDB के बीच छह अलग-अलग करार भी किए गए।
मप्र में दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 6000 से बढ़ाकर 9000 की जाएगी
वर्तमान में जहां 10 लाख लीटर दूध एकत्र होता है, वहीं आने वाले 5 वर्षों में इसे 20 लाख लीटर तक ले जाया जाएगा।
इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 1447 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है।
सांची ब्रांड का नाम, लोगो नहीं बदलेगा, संचालन NDDB के अधीन होगा।
सहकारी समितियां अब पेट्रोल पंप चलाएंगी
शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र अब सीमित नहीं रहेगा, इसे तेल और गैस वितरण जैसे नए क्षेत्रों में भी विस्तारित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता में बहुत संभावनाएं हैं।
सभी सहकारी समितियों का 100% रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है, और मप्र ने पैक्स को कंप्यूटराइज्ड करने में देश में पहला स्थान हासिल किया है।
सीएम ने कहा कि दूध उत्पादन को 9% से बढ़ाकर 24% तक लाना है। कामधेनु गोपालन योजना और सेवा योजना के तहत गाय पालन करने वालों को मिलेगा अनुदान।