


उत्तर प्रदेश के कुंडा से विधायक और पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया श्रावण मास के अवसर पर उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा महाकाल के चांदी द्वार से दर्शन किए। दर्शन के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए न सिर्फ सनातन धर्म, जातिवाद और सामाजिक कुरीतियों पर खुलकर अपनी बात रखी, बल्कि हिंदू समाज को जागरूक होने का भी आह्वान किया।
राजा भैया ने कहा कि सनातन धर्म पर आज भी हमले हो रहे हैं और धर्मांतरण की गतिविधियां समाज को तोड़ने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने संतों और सजग नागरिकों के प्रयासों की सराहना कर कहा कि ऐसे सभी लोग समाज को जागृत करने के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म को बचाने के लिए अब सिर्फ साधु-संतों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं, हर हिंदू अभिभावक की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को सामान्य शिक्षा के साथ-साथ धर्म और संस्कारों का भी ज्ञान दे।
जातिवाद खत्म करने की अपील की
राजा भैया ने जातिवाद को सनातन धर्म के लिए सबसे बड़ी बाधा बताया और कहा कि इसके जहर को मिलकर समाप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने बागेश्वरधाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री की सराहना कर कहा कि वे पूरे देश में घूम-घूम कर हिंदू समाज को जागरूक कर रहे हैं और समय के साथ धर्म में आई कुरीतियों को दूर करने की प्रेरणा दे रहे हैं।
धर्म और राष्ट्र की सुरक्षा में जागरूकता की जरूरत
राजा भैया ने कहा कि भारत के खिलाफ षड्यंत्र हजारों वर्षों से हो रहे हैं। कभी धर्म के नाम पर, कभी आक्रमणों के माध्यम से हमारे मंदिर तोड़े गए, लोगों की हत्याएं हुईं और हमें अपने ही देश में पीड़ा दी गई। अब समय आ गया है कि जब हम मंदिर में भगवान से केवल अपने परिवार या स्वार्थ के लिए प्रार्थना न करें, बल्कि धर्म, राष्ट्र और समाज को सशक्त बनाने की भावना से भी ईश्वर से प्रार्थना करें।