


श्रावण मास के दूसरे सोमवार को बाबा महाकाल के भक्तों का सैलाब उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में उमड़ पड़ा। देर रात से ही श्रद्धालु मंदिर परिसर के बाहर कतारों में लगने लगे थे। सुबह 2:30 बजे भस्म आरती के साथ विशेष पूजन-अभिषेक हुआ, जिसमें बाबा महाकाल का पंचामृत स्नान और श्रृंगार कर दिव्य आरती संपन्न करवाई गई।
इस अवसर पर भस्म आरती में बैठने के लिए 1700 श्रद्धालुओं को अनुमति दी गई, जबकि अन्य श्रद्धालुओं के लिए चलित भस्म आरती की विशेष व्यवस्था की गई। कार्तिक मंडपम से चलित भस्म आरती के दर्शन कर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर अपने को धन्य माना और 'जय श्री महाकाल' के उद्घोष से मंदिर परिसर को गुंजायमान कर दिया।
महाकाल मंदिर के पुजारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले वीरभद्र की आज्ञा के साथ चांदी के गेट खोले गए। इसके पश्चात गर्भगृह में स्थित सभी देवताओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक और पंचामृत अर्पण किया गया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर ‘हरि ओम’ जल चढ़ाया गया और कपूर आरती के साथ बाबा को फूलों की माला पहनाई गई।
श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन कराने के लिए महानिर्वाणी अखाड़ा द्वारा भस्म अर्पित कर विशेष भोग लगाया गया। मंदिर समिति के अनुसार श्रावण मास के चलते देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे हैं और भस्म आरती के दर्शन के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक भक्त बाबा महाकाल के दर्शन कर सकें। श्रद्धा और भक्ति के इस महासंगम में हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया।