


मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम स्थित एक कॉलेज में चपरासी का वीडियो वायरल हुआ है. चपरासी इस वीडियो में पीजी कॉलेज के छात्रों की आंसर शीट चेक करता दिखा. वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभा में हड़कंप मच गया. छात्रों और उनके परिजनों ने इस पर रोष जताया. मामले ने तूल पकड़ा तो उच्च शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया है. मामला पिपरिया स्थित शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का है. यहां परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य चल रहा था, लेकिन मूल्यांकन कोई प्रोफेसर नहीं बल्कि एक चपरासी ने किया. वो भी सिर्फ 5000 रुपए में. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें कॉलेज का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी छात्रों की कॉपियों की जांच करता नजर आया.
जांच समिति की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
उच्च शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच समिति गठित की. समिति ने 3 अप्रैल 2025 को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें साफ तौर परबताया गया कि गेस्ट फैकल्टी खुशबू पगारे को मूल्यांकन के लिए दी गई उत्तर पुस्तिकाएं कॉलेज के चपरासी पन्नालाल पठारिया द्वारा जांची गई थीं. पन्नालाल ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि उसने 5000 रुपए में यह कार्य किया. इस सौदेबाजी की शुरुआत तब हुई जब खुशबू पगारे ने अपनी खराब तबीयत का हवाला देकर कॉलेज के बुक लिफ्टर राकेश मेहर को कॉपियां जांचने की जिम्मेदारी सौंप दी. राकेश ने 7000 रुपए लेकर आगे यह काम 5000 रुपए में चपरासी को सौंप दिया.
जिम्मेदारों पर गिरी गाज, इन तीन पर एक्शन
जांच रिपोर्ट के आधार पर 4 अप्रैल को कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य राकेश कुमार वर्मा और प्रोफेसर रामगुलाम पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. विभाग ने साफ कहा है कि प्रशासनिक मुखिया और वरिष्ठ प्राध्यापक होने के नाते उनकी देखरेख में इस तरह की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. साथ ही, गेस्ट फैकल्टी खुशबू पगारे, बुक लिफ्टर राकेश मेहर और चपरासी पन्नालाल पठारिया के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं.