


मध्यप्रदेश के खनन क्षेत्र में ‘डिजिटल-ट्रांसफोर्मेशन-4.0’ को गति देने लिये आईआईटी धनबाद के ‘टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंड एक्सप्लोरेशन-माइनिंग (टेक्समिन) फाउंडेशन’, प्रदेश के भू-विज्ञान एवं खनिज निदेशालय (डीजीएम) और मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड (एमपीएसएससीएल) के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है। इस समझौते से प्रदेश में माइनिंग अन्वेषण, ऑटोमेशन और एआई-एनेबल्ड माइन-मैनेजमेंट सिस्टम जैसी उभरती तकनीकों का उपयोग कर खनन कौशल विकास, टेक्नोलॉजी एडॉप्टेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे प्रदेश के ‘खनन 4.0’ के संचालन में देश का अग्रणी राज्य बनने का मार्ग सुगम होगा। यह सहयोग प्रदेश को खनन क्षेत्र में डिजिटल-रोडमैप पर आगे बढ़ाने और प्रदेश को एक मॉडल-राज्य बनायेगा। इस पहल से खनिज अन्वेषण, संचालन और रोजगार के क्षेत्र में नई संभावनाएँ के सृजन की उम्मीद है।
एमओयू पर भोपाल में बुधवार को खनिज संसाधन के प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में सभी सझेदारों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये। इस दौरान डीजीएम, एमपीएसएससीएल के वरिष्ठ अधिकारी टेक्समिन फाउंडेशन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
एमओयू से राज्य के खनन तंत्र में दीर्घकालिक लाभ की उम्मीद है। इससे खनन संचालन में दक्षता और सुरक्षा वृद्धि होगी, पारदर्शिता व निगरानी में सुधार होगा, जिससे संसाधन प्रबंधन बेहतर होगा, टेक्नोलॉजी-आधारित कौशल प्रशिक्षण से स्थानीय रोजगार व तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि होगी और नवाचार-आधारित निवेश एवं अनुसंधान-उन्मुख परियोजनाओं के लिये नए अवसर सृजित होंगे।
एमओयू के प्रमुख उद्देश्य
एमओयू के प्रमुख उद्देश्य जीआईएस-आधारित मिनरल डेटाबेस विकसित कर खनिज संसाधनों का समेकित और सटीक मानचित्रण बना कर डिजिटल मिनरल डेटा प्लेटफॉर्म विकसित करना, एआई-एनेबल्ड माइन मैनेजमेंट के लिए खदान संचालन, रखरखाव, सुरक्षा एवं उत्पादन अनुकूलन हेतु एआई व डेटा-एनालिटिक्स पर आधारित सिस्टम विकसित करना, ब्लॉकचेन-आधारित मॉनिटरिंग प्रणाली विकसित करने के लिये पारदर्शिता, ट्रेसिबिलिटी और रॉयल्टी एवं हिस्सेदारी से सम्बन्धित ब्लॉकचेन इंटीग्रेशन सॉल्लूशन पर काम करना, स्किल डेवलपमेंट, कैपेसिटी एवं बिल्डिंग के लिये टेक्नोलॉजी-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएँ और क्षमता निर्माण इनिशियेटिव्स के माध्यम से भविष्य के लिये तैयार मानव संसाधनों का निर्माण करना और खनन क्षेत्र के सतत और जिम्मेदार अन्वेषण के लिये पर्यावरण के लिए सुरक्षात्मक दिशानिर्देशों के अनुरूप रिसोर्स एक्सप्लोरेशन एवं प्रबंधन को प्रोत्साहित करना हैं।