


उतराखंड में विशेष तौर पर कुमाऊँ क्षेत्र के जिलों में एकादशी के दिन से चीरबंधन के साथ होली का कार्यक्रम शुरू हो जाता है, बाबा बागनाथ जी बागेश्वर क्षेत्र के प्रधान देवता है, बागनाथ मन्दिर परिसर में व्यापार मंडल के द्वारा नवीन लाल साह की अध्यक्षता में पुरूष होली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।
होली प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागियों ने उत्साह और उमंग के साथ दो ताल और चार ताल की होलिया गाकर अपने रीती रिवाजों को जिंदा रखने का प्रयास किया गया है, कुमाऊँ क्षेत्र में जिन स्थानों पर देवी मन्दिर है, वहां पर अष्टमी के दिन से चीरबंधन के साथ होली शुरू हो जाती है, बागेश्वर में एकादशी के दिन से बागनाथ मन्दिर में चीरबंधन के बाद होली शुरू हो जाती है, बागेश्वर क्षेत्र के देवता बाबा बागनाथ जी को होली पूजन करने के लिए सभी स्थानीय लोग चतुर्दशी के दिन चीरबंधन को लेकर बागनाथ मन्दिर पहुंचते है, गांवों में भी होली चीरबंधन कार्यक्रम के तहत घर- घर जाकर होली गीत गाते है।