


देशभर में जारी बारिश और बाढ़ का असर अब उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में भी देखने को मिल रहा है। मथुरा में बीते पांच दिनों से यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गुरुवार दोपहर 11 बजे यमुना का जलस्तर 166.51 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 51 सेंटीमीटर ऊपर है।
जलस्तर बढ़ने से महावन और छाता तहसील के यमुना किनारे बसे गांवों, खेतों और लिंक रोड पर पानी भर गया है, जिससे कई गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। प्रभावित गांवों में रह रहे लोगों को प्रशासन की ओर से स्टीमर के जरिए बाहर निकाला जा रहा है।
बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर किया जा रहा शिफ्ट
प्रभावित गांवों से निकाले गए लोग या तो अपने रिश्तेदारों के घर जा रहे हैं या जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए शेल्टर होम्स में ठहराए जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से इन शेल्टर होम्स में रहने, खाने-पीने और जरूरी सुविधाओं की पूरी व्यवस्था की गई है। यमुना के किनारे स्थित कॉलोनियों में भी नदी का पानी अंदर तक घुस चुका है। प्रशासनिक टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
घाटों पर लगाए गए चेतावनी बोर्ड
यमुना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण घाटों की सीढ़ियां लगभग पूरी तरह डूब चुकी हैं। नगर निगम ने घाटों पर बैरिकेडिंग कर दी है और रास्तों को बंद कर दिया गया है। साथ ही वहां चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं जिन पर लिखा है, “आगे गहरा पानी है, कृपया आगे न जाएं।”
नाव संचालन पर पूर्ण रोक
जिला प्रशासन द्वारा यमुना नदी में नाव संचालन पर भी रोक लगा दी गई है। हालांकि कुछ घाटों पर श्रद्धालु यमुना के पानी में आचमन और पूजा-पाठ कर रहे हैं, लेकिन उन्हें भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बाढ़ नियंत्रण के लिए जगह-जगह बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, जो स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं।