मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट की अहम बैठक आयोजित हुई। बैठक में भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजना के बजट को मंजूरी दी गई। साथ ही राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के स्थायी और अस्थायी पदों के बीच का अंतर समाप्त करने का बड़ा फैसला लिया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति बनी।
कैबिनेट ने राघवपुर बहुउद्देश्यीय परियोजना के लिए 1,782 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इससे अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों की कुल 5,512 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजनाओं के कार्य को गति मिलेगी। इस योजना के तहत 71,967 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी और 125 मेगावॉट बिजली उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री सड़क परियोजना के अंतर्गत 3,810 कार्यों को मंजूरी दी गई है।
भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना के लिए वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा गया, जिसमें 90.67 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। वहीं उद्यम क्रांति योजना को वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक निरंतर जारी रखने की मंजूरी दी गई है, जिसके लिए 905 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र की तर्ज पर 48 करोड़ रुपये की लागत से 6 वन विज्ञान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
राज्य शासन में कार्यरत कर्मचारियों के पदों से संबंधित अस्थायी और स्थायी पदों का अंतर समाप्त कर दिया गया है। अब पहले की 10 प्रकार की वर्गीकरण प्रणाली की जगह केवल 5 श्रेणियां लागू होंगी।