
भारत ने बाघों के संरक्षण में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। जिसका नतीजा बाघों की संख्या को सिर्फ एक दशक से भी कम समय में दोगुना हो गई है। आज दुनिया के करीब 75% बाघ भारत में रहते हैं.यहां लगभग 3,682 बाघ हैं।जो वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
दुनिया के करीब 75% बाघ भारत में हैं
बाघों की संख्या बढ़ाने सरकार, समाज का सामूहिक प्रयास और कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए है। जिसकी वजह से बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है।
कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए
हालांकि भारत की जनसंख्या घनता सबसे ज्यादा है और यहां सिर्फ 18% बाघों का habitat है, फिर भी भारत ने अपने बाघों को शिकार से बचाने, उनके habitat की सुरक्षा और सख्त वन्यजीव सुरक्षा कानूनों के ज़रिए इन्हें बचाए रखा है। लिहाजा बाघ 1,38,200 वर्ग किमी में चैन से बसर कर रहे हैं—जो ब्रिटेन के आकार का आधा है!
एक नजर डालते है भारत ने इसे कैसे संभव बनाया?
शिकार पर रोक- बाघों का शिकार करने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई।
सख्त वन्यजीव सुरक्षा कानून – बाघ संरक्षण की रीढ़।
समुदाय की भागीदारी – स्थानीय समुदाय बाघों की रक्षा करते हैं और इकोटूरिज्म से लाभ उठाते हैं।
आवास का विस्तार – 2006 से बाघों के habitat में 30% की वृद्धि, हर साल 2,929 वर्ग किमी बढ़त।
मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना – संरक्षण प्रयास शांति से सहअस्तित्व को प्राथमिकता देते हैं।
वैज्ञानिक निगरानी – हर चार साल में भारत 20 राज्यों में दुनिया की सबसे बड़ा बाघ सर्वेक्षण करता है।
इस तरह से भारत से सीख लेकर अन्य देश भी अपने बाघों के संरक्षण में सफलता हासिल कर सकते हैं।