


भारत के अपने पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ( AMCA ) प्रोजेक्ट में फ्रांस के साथ जो बात चल रही है, उसमें एक बड़ी प्रगति की खबर है। फ्रांस की जेट इंजन बनाने वाली कंपनी सफ्रान एसए ( Safran S.A)और डीआरडीओ के गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) के ज्वाइंट प्रोजेक्ट को मंजूरी के इंतजार के बीच यह जानकारी सामने आ रही है कि यह इंजन पूरी तरह से भारत में ही बनने वाला है। मतलब, अमेरिकी कंपनी जीई से जो काम नहीं हो पाया, उसके लिए फ्रांस की कंपनी पूरी तरह से तैयार हो गई है।
12 साल का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट
15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से स्वदेशी जेट इंजन के विकास का आह्वान किया था। उसके बाद फ्रांस से जिस तरह का संकेत मिल रहे हैं, उससे यही अनुमान लग रहा है कि वह भारत से दोस्ती निभाने के लिए बड़ा कदम उठाने को तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी स्वदेशी फाइटर जेट के लिए अपने ही देश में इंजन बनाने की बात पर जोर दे चुके हैं। एचटी ने अब एक रिपोर्ट दी है, जिसके अनुसार Safran-GTRE 12 साल में फाइटर जेट इंजन के 9 प्रोटोटाइप विकसित करेंगे।
भारत का होगा जेट इंजन आईपीसी
शुरू में सफ्रान और जीटीआरई मिलकर 120 केएन पावर क्षमता के जेट इंजन बनाएंगे और शुरुआत से 12 साल के भीतर इसकी क्षमता बढ़ाकर 140 केएन पावर तक ले जाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार यह इंजन भारत में ही बनेंगे और इसके लिए सफ्रान, डीआरडीओ को 100 प्रतिशत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगी। इस टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में क्रिस्टल ब्लेड टेक्नोलॉजी भी शामिल होगी। वैसे डीआरडीओ के पास क्रिस्टल ब्लेड टेक्नोलॉजी है, लेकिन पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है।