


केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सोमवार को 18 से 20 जुलाई, 2025 तक वाराणसी में ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’ की घोषणा की। यह एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत की युवा शक्ति को सशक्त बनाना और नशामुक्त समाज को बढ़ावा देना है। सौ आध्यात्मिक संगठनों की युवा शाखाएं राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में नशा-विरोधी अभियान का नेतृत्व करेंगी। इस दौरान, ऐतिहासिक काशी घोषणापत्र की घोषणा की जाएगी, नशामुक्त समाज के लिए राष्ट्रीय रोडमैप तैयार किया जाएगा।
केद्रीय मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा, “युवा अमृत काल के पथप्रदर्शक हैं – विकसित भारत का मार्ग।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की 65 प्रतिशत से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है, जिनकी औसत आयु मात्र 28 वर्ष है, जिससे हमारे युवा राष्ट्रीय विकास की प्रेरक शक्ति बन जाते हैं।
डॉ. मांडविया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दूरदर्शी आह्वान पर ज़ोर देते हुए कहा, “हमारी युवा पीढ़ी को न केवल लाभार्थियों के रूप में बल्कि भारत को आकार देने वाले परिवर्तनकर्ताओं के रूप में भी आगे बढ़कर नेतृत्व करना होगा। लेकिन मादक द्रव्यों का सेवन हमारे युवाओं के सामने सबसे गंभीर खतरों में से एक बना हुआ है, जो उन्हें जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर फँसा रहा है और राष्ट्रीय प्रगति के लिए एक चुनौती पेश कर रहा है।”
इस गंभीर चिंता को देखते हुए भारत सरकार स्वयं सेवी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और आध्यात्मिक संगठनों के साथ मिलकर एक समग्र, समावेशी और भविष्योन्मुखी नशा-विरोधी अभियान शुरू कर रही है। इस प्रयास का केंद्रबिंदु गंगा नदी के पवित्र घाटों पर आयोजित तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन है, जहां 100 आध्यात्मिक संगठनों की युवा शाखाओं से आए 500 युवा प्रतिनिधि आत्मचिंतन, विचार-विमर्श और नशा उन्मूलन के लिए कार्यान्वयन योग्य रणनीतियां बनाने हेतु एकत्रित होंगे।
डॉ. मांडविया ने कहा, “यह शिखर सम्मेलन एक व्यापक जन आंदोलन – जन आंदोलन – का मार्ग प्रशस्त करेगा ताकि नशे के स्रोतों की पहचान की जा सके, उन्हें जड़ से खत्म किया जा सके और एक नशामुक्त भारत का निर्माण किया जा सके।” उन्होंने घोषणा की कि शिखर सम्मेलन के समापन पर ऐतिहासिक काशी घोषणापत्र का अनावरण किया जाएगा, जिसमें सामूहिक संकल्प को समाहित किया जाएगा और नशामुक्त समाज के निर्माण हेतु एक राष्ट्रीय रोडमैप प्रस्तुत किया जाएगा।
शिखर सम्मेलन के चार पूर्ण सत्रों में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा होगी: नशे की लत को समझना और युवाओं पर इसका प्रभाव; नशा तस्करों के नेटवर्क और व्यावसायिक हितों को ध्वस्त करना; प्रभावी अभियान और पहुंच; तथा 2047 तक नशामुक्त भारत के लिए एक व्यापक प्रतिबद्धता तैयार करना। विशेषज्ञों के मुख्य भाषण, संचालित पैनल चर्चाएं और खुले व्हाइटबोर्ड मंच यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक प्रतिनिधि इस राष्ट्रीय रणनीति को आकार देने में योगदान दे।
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने विजय दिवस के उपलक्ष्य में 26 जुलाई को कारगिल में एक विशेष पदयात्रा की भी घोषणा की है। स्थानीय युवाओं, माई भारत के युवा क्लबों और सेना के प्रतिनिधियों की भागीदारी वाली यह पदयात्रा, फिट इंडिया अभियान को बढ़ावा देते हुए हमारे शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी। वहीं, युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन और कारगिल विजय दिवस पदयात्रा से संबंधित सभी विवरण माई भारत प्लेटफॉर्म ( https://mybharat.gov.in/ ) पर उपलब्ध कराए जाएंगे।