


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में स्टार्टअप और उद्योग जगत के लिए यह सप्ताह अहम साबित हो रहा है। जर्मन बिजनेस डेलिगेशन भारत आया है। इसी क्रम में प्रतिनिधिमंडल उज्जैन पहुंचा और यहां स्थानीय स्टार्टअप्स व औद्योगिक ढांचे का निरीक्षण करने के बाद निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। एमपीआईडीसी के अधिकारी राजेश राठौर ने आशा जताई है कि इस दौरे से स्थानीय उद्यमियों और एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय सहयोग मिलेगा।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स और जर्मन कंपनियों के बीच टेक्नोलॉजी और इनोवेशन साझेदारी स्थापित करना है। उज्जैन प्रवास के दौरान डेलिगेशन ने एमपीआईडीसी कार्यालय का दौरा किया। विक्रम उद्योग नगरी का भ्रमण किया और आईटी पार्क व इनक्यूबेशन सेंटर की योजनाओं की जानकारी ली। एमपीआईडीसी उज्जैन के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने जर्मन प्रतिनिधियों के सामने उज्जैन की औद्योगिक तस्वीर और यहां के अवसरों का प्रेजेंटेशन दिया। इसमें औद्योगिक क्षेत्रों की उपलब्धता, आईटी पार्क, डीप टेक डाटा सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर और स्थानीय उद्यमों की जरूरतों पर प्रकाश डाला गया।
डेलिगेशन ने उज्जैन में खासकर आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में गहरी दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने डीप टेक डाटा सेंटर और इनोवेशन हब में निवेश की इच्छा जताई। साथ ही स्थानीय स्टार्टअप्स के साथ भविष्य की साझेदारी पर भी चर्चा की। इस दौरे से स्पष्ट है कि उज्जैन में स्टार्टअप, निवेश, रोजगार और तकनीकी सहयोग की नई राहें खुल रही हैं। आने वाले समय में यह शहर न केवल धार्मिक महत्व के लिए, बल्कि औद्योगिक और तकनीकी विकास के लिए भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाएगा।